जुमलेबाज़ और दलबदलू बाबाओं और नेताओं के हाथ का खिलौना न बन के रह जाये प्रदेश की जलदायनी , माँ नर्मदा को क्या इस युग मे ईमानदार माँ का रक्षक बेटा मिल पायेगा ?
इंदौर। प्रदेश सरकार में आज निरंकुश नर्मदा खनन मामला जो मुख्यमंत्री कमलनाथ की गले की फास बना हुआ है, पूर्व शिवराज सरकार में मुख्यमंत्री माँ नर्मदा जीवेम दायनी माँ हर सभा मे बोलते नही थकते थे। नर्मदा परिक्रमा भी करते थेलेकिन पर्दे के पीछे नर्मदा के अवेध खनन में उनका पूरा कुनबा लगा हुआ था। फिर दिग्विजय सिंह दुवारा निर्मित स्वयंभू कंप्यूटर बाबा प्रकट होते है, ये बाबा भी अपने आप को माँ नर्मदा सबसे वफादार बेटा बता शिवराज को ब्लैकमेल कर रातोरात राज्यमंत्री बन गए।
फिर मांगे पूरी न होने पर इन चुनाव वक्त अपने पद से इस्तीफा दे कांग्रेस(दिग्विजय सिंह) की गोद मे आकर बैठ गए।माँ नर्मदा का खनन अभी भी जारी रहा फिर दिग्विजय सिंह माँ नर्मदा की नई उम्मीद बन आये, इन्होंने ओर कड़ी रूपी तपस्या यात्रा बिना तामझाम पूर्ण पैदल नर्मदा परिक्रमा निकाली, यात्रा का उद्देश्य जब जनता को समझ नही आया होगा लेकिन आज जब प्रदेश में कांग्रेस सरकार 1 वर्ष पूर्ण करने के करीब है।
कंप्यूटर बाबा नदी न्यास के अध्यक्ष है, खोकली बड़ी बड़ी बाते कर अपना हित साधन में कामयाब हो चुके है, प्रदेश सरकार के मंत्रियों के जो अवेध खनन रोकने की असफलता पर जो ब्यान आ रहे है। वो एक ही इशारा कर रहे है दिग्विजय सिंह की नर्मदा यात्रा भी कोई धार्मिक यात्रा न होकर सिर्फ अवेध खनन के नए स्थान खोजने हेतु की गई यात्रा थी जिसका पूर्ण लाभ आज दिग्विजय सिंह और कंप्यूटर बाबा पूर्ण ताकत से उठा रहे है और माँ नर्मदा आज भी अपने उस बेटे के इंतजार में ही है जो अवेध खनन रोकने माँ को बचाने नर्मदा यात्रा पर आएगा। अशोक रघुवंशी भारतीय न्यूज़