शिक्षा दिवस पर जयपुर में सम्मानित 103 शिक्षक, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ फ़ोटो खिंचवाने की होड़
जयपुर – शिक्षा विभाग की ओर से गुरुवार को शिक्षक दिवस पर एक सौं तीन शिक्षकों को सम्मानित किया गया, बिडला सभागार में राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में सम्मानित होने वाले शिक्षकों में सभी जिलों में 3-3 शिक्षक तथा राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक पुरस्कार में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करने वाले 4 शिक्षक शामिल हैं, इनके अलावा राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में उत्कृष्ट एवं आदर्श विद्यालयों के 6 संस्था प्रधानों को भी सम्मानित किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के साथ तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवरसिंह भाटी मौजूद रहे, इस मौके पर सीएम अशोक गहलोत कहा कि शिक्षा के बिना जीवन में अंधेरा है, बालिका शिक्षा के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए राजीव गांधी स्वर्ण जयंती पाठशालाएं खोली गईं, गहलोत ने कहा कि सरकारी स्कूलों में दो लाख नामांकन बढ़ा है, यह खुशी की बात है… शिक्षकों ने मेहनत से शाबित कर दिया, कि सरकारी स्कूल निजी से कहीं भी कम नहीं हैं, शिक्षा और स्वास्थ्य कमाई का जरिया ना बने, इसमें नो प्रॉफिट, नो लॉस के आधार पर कार्य करना चाहिए।
5 सितंबर 2010 को, 10 साल पहले जब मैं मुख्यमंत्री बना था। उस समय राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर के सम्मानित शिक्षकों के लिए मैंने रोडवेज में 50% छूट की घोषणा की थी, अब 5 सितंबर 2019 को इस अवसर पर राष्ट्रीय एवम राज्य स्तर के सम्मानित शिक्षकों को 50% की नहीं 100% छूट की घोषणा करता हूं, गहलोत ने संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक दिवस के अवसर पर मैं शिक्षकों को बधाई देता हूं, सर्वेपल्ली राधाकृष्णन का उस समय में नाम आते ही सभी में एक सम्मान का भाव पैदा होता था। इसलिए तत्कालीन सरकार ने 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने का निर्णय किया, मुझे इस बात की खुशी है कि उस परंपरा को हमने सम्मान के साथ कायम रखे रखा है, डोटासरा ने कहा कि सर्वश्रेष्ठ विद्यालय का सम्मान फिर से शुरू कर दिया है, बस्ते का बोझ दो तिहाई कम कर दिया।
यह सोच अशोक गहलोत की थी। गहलोत ने कहा था कि जब शिक्षा विभाग का इतना बड़ा दायरा, तो इस हिसाब से सम्मान का दायरा होना चाहिए। भाजपा सरकार ने कैलेंडर बिगाड़ दिया था, हमने उस कैलेंडर को अब सही कर दिया है। 636 लोगों को अनुकम्पा नियुक्ति दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार शिक्षकों की भर्ती अटका कर गई थी। मुख्यमंत्री ने सभी परेशानियों को दूर कर दिया है। मुख्यमंत्री ने एक शिक्षक के बेटे को प्रदेश का शिक्षा मंत्री बनाया है। सरकारी स्कूलों के प्रति लोगों का मोह भंग हो गया था। तब सीएम ने इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलने की पहल की है।