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Madhya Pradesh

कमलनाथ सरकार के वादों से ठगाई जीवन दायनी माँ नर्मदा, गौ माता व प्रदेश की जनता।

पूर्व शिवराज सरकार की योजनाओं व नीतिओ का भरपूर लाभ उठाने वाली प्रदेश की जनता शिवराज के ऊपर लगातार लग रह भरस्टाचार के आरोपो से दुखी थी। अवैध रेत खनन से खोकली होती नर्मदा नदी, करोड़ो के पौधा रोपण घोटाले, शिक्षा क्षेत्र में व्यापम घोटाला कई मामलों में शिवराज का नाम लगातार आने से प्रदेश की जनता दुखी थी। भारतीय जनता पार्टी में व जनता में लगातार मुख्यमंत्री बदलने माँग उठती रही थी लेकिन बीजपी संघटन जनता के मन को समझने के बजाय शिवराज पर ही विस्वास जताता रहा। जिसका नतीजा ये रहा कि प्रदेश से बीजेपी सरकार की विदाई हो गयी। जनता ने मौका दिया कांग्रेस के ऊर्जावान युवा नेतृत्व ज्योतिरादित्य सिंधिया को। लेकिन कांग्रेस ने भी जनता की मंसा के विरुद्ध वरिष्ठ नेता कमलनाथ को प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया। सरकार की शुरुवात बड़े बड़े वादों के साथ हुई। माँ नर्मदा में अवैध खनन रोकने बड़े बड़े वादे किए गए। लेकिन एक बहुत बड़ी गलती कमलनाथ सरकार से हो गई। एन चुनाव के पहले बीजेपी सरकार में राज्यमंत्री का पद छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए दिग्विजय सिंह समर्थक कंप्यूटर बाबा को कमलनाथ सरकार ने नदी न्यास समिति का अध्यक्ष बना दिया। माँ नर्मदा से अवैध खनन रोकने मुख्यमंत्री कमलनाथ अगर स्वयं कोई मजबुत योजना पर कार्य करते तो शायद नतीजे सकारात्मक निकल सकते थे। लेकिन एक ऐसे व्यक्ति को माँ नर्मदा को अवैध खनन से बचाने सर्वे सर्वा बना दिया गया। जिसका राजनीति में आने का उद्देश्य ही सिर्फ और सिर्फ पैसा कमाना है। नदी न्यास का अध्यक्ष बनते ही कंप्यूटर बाबा ने भारतीय न्यूज़ के पत्रकार अशोक रघुवंशी से ऑफ कैमरा बड़ी बड़ी बातें की थी। उन्होंने कहा था में स्वयं क्षेत्र के अधिकारियों के साथ नर्मदा परिक्रमा क्षेत्र का दौरा करूँगा। जहा जहा अवेध रेत खनन हो रहा है ऐसे लोग जो अवेध खनन में लिप्त पाए गए उन्हें जेल भिजवाया जाएगा। कड़ी कार्यवाही की जाएगी। लेकिन सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार कंप्यूटर बाबा ने जमकर वशूली शुरू कर दी है। नर्मदा किनारे अवेध खनन कर रहे माफियाओ के साथ कई उद्योग जिनका गंदा पानी माँ नर्मदा में मिल रहा है उनसे वशूली के बदले पूरी सुरक्षा दी जा रही है। कांग्रेस सरकार में मंत्री विधायको की जो पीड़ा अवेध खनन को लेकर सामने आ रही है उसके पीछे भी यही दर्द है। कमलनाथ सरकार प्रदेश में गायों के लिए भी बड़ी बड़ी बाते कही थी। गौ शालाये बनाई जाएगी। गायो को सड़कों से हटाया जाएगा। ऐसे गौ पलको जो गायो का सुबह शाम दूध निकाल दिनभर भूकी प्यासी सड़क पर छोड़ देते है ऐसे गो पलको पर भी कार्यवाही की जाएगी। लेकिन आज प्रदेश में आप कही भी चले जाओ सड़को पर सेकड़ो गाय बैठी नजर आ रही है। गाड़ियों से टकरा तड़पती हुई कई गाय आज भी सड़को पर मर रही है लेकिन कमलनाथ सरकार कही कोई कार्यवाही करते नजर नही आ रही। प्रदेश की सड़कें दिग्विजय शासन काल मे पहुच चुकी है। बड़े बड़े गड्डो में वाहन चालकों के चलना मोत के सफर में चलने जैसा हो चुका है। कमलनाथ सरकार को कंप्यूटर बाबा रूपी शनि लग चुका है। जो ईंस कमलनाथ सरकार के कार्यकाल को कभी भी ब्रेक लगा सकता है। प्रदेश की जनता अपने निर्णय पर पछता रही है क्यों उन्होंने कांग्रेस को मौका दिया। देश के नक्से से गायब होती कांग्रेस को मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़,राजस्तान की जनता ने अंतिम मौका जरूर दिया लेकिन कांग्रेस उसे भी भुनाने में नाकामयाब नजर आ रही है। लोकनिर्माण विभाग,जल संसाधन विभाग जैसे कई विभाग तीनो ही प्रदेशो में फंडिंग का रोना रो रहे है। सरकार के पास विकास कार्यो के लिए पैसा नही है। छोटे छोटे ठेकेदार करोड़ो के पेमेंट बाकी होने का रोना रोते हुए नए कार्यो में हाथ नही डाल रहे। ऐसे में सरकार कब तक पिछली सरकार का रोना रो जमी रहेगी ये कह पाना मुश्किल है।

अशोक रघुवंशी भारतीय न्यूज़

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