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भोपाल

सरदार सरोवर डूब प्रभावितों के मामले में डूब प्रभावित संघ के संरक्षक महेश तिवारी द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों से अभी तक गर्मायी हुई है राजनीती , उन्होंने गृह मंत्री पर भी इंजीनियर होते हुए नर्मदा के बैकवाटर को भूकंप का कारण बता कर भ्रम फ़ैलाने का आरोप लगाया था

बड़वानी।  सरदार सरोवर डूब प्रभावित संघ के संरक्षक महेश तिवारी ने पिछले  दिनों  मौजूदा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे जिसमे सूबे के गृह मंत्री बाला बच्चन को भी राजपुर में भू  गर्भिय धमाकों पर अजीब बयानों के चलते   आड़े हातों लिया था ,  ये सभी आरोप उन्होंने बड़वानी में एक प्रेस वार्ता में लगाए थे जिसके बाद से भी प्रदेश की राजनीती में सरदार सरोवर डूब के राहत पैकेज व नर्मदा बचाओ आंदोलन पर नै बहस छिड़ गयी है।

असल में 5 सितम्बर को तिवारी ने आरोप लगाया कि पूर्व सरकार ने डूब प्रभावितों के लिए 900 करोड़ का पैकेज दिया था और उसमें से 750 करोड़ की राशि खर्च की जा चुकी है किंतु शेष डेढ़ सौ करोड़ रुपए वर्तमान सरकार नहीं खर्च कर सकी है। तिवारी ने में आरोप लगाया कि नर्मदा बचाओ आंदोलन, मध्यप्रदेश सरकार और एनवीडीए के मध्य 2 फरवरी 2017 को सर्वोच्च न्यायालय में हुए समझौते में 681 प्रभावितों को  60 लाख रु की पात्रता तथा 1351 प्रभावितों को 15 लाख की पात्रता तय हुई थी, वहीं इसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने 110 परिवारों तथा आज गुजरात सरकार ने 105 प्रभावितों को साथ लाख रुपये के लिये पात्र माना है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के गृहमंत्री और बड़वानी की प्रभारी मंत्री नर्मदा बचाओ आंदोलन के सत्याग्रह को समाप्त कराने में असफल रहते हैं जबकि एक पूर्व मुख्य सचिव आंदोलन समाप्त करवा देता है जो पूर्व नियोजित कार्यक्रम जैसा लगता है।

उन्होंने कहा कि नर्मदा कंट्रोल अथॉरिटी द्वारा जून माह में आहूत बैठक में तय किया गया था कि सरदार सरोवर बांध को किस दिन कितना भरा जाएगा और मध्य प्रदेश सरकार डूब प्रभावितों को एक नियत तिथि तक बाहर स्थानांतरित कर लेगी। तिवारी ने कहा कि इस बात का मध्यप्रदेश सरकार ने उस समय बिल्कुल भी विरोध नहीं किया था। तिवारी ने आरोप लगाया कि हाल ही में बड़वानी जिले के राजपुर अनु विभाग के कुछ ग्रामों में हल्के झटके महसूस किए गए जिसको पेशे से इंजीनियर मध्यप्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन और नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर ने अधिकृत रिपोर्ट आने का इंतजार न करते हुए सरदार सरोवर बांध से जोड़कर ग्रामीणों में भ्रम फैलाया गया था कि बांध के बैक वाटर के चलते उक्त भूकंप आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट ने स्पष्ट किया कि हल्के भूकंप का कारण सरदार सरोवर का बैक वाटर नहीं बल्कि अंचल में हो रही बारिश है।
सूत्रों के मुताबिक उनके द्वारा उठाये गए सभी मुद्दों पर  भारतीय जनता पार्टी प्रदेश सरकार  को चौतरफा घेरने की तैयारी  कर रही है और सरकार  ही धीरे धीरे इस मामले पर बैकफुट पर आती हुई दिख रही है , अब देखना ये होगा की इस राजनैतिक उठापटक में असल डूब प्रभावितों को कितना फायदा मिलता है।

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