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भोपाल

हनी ट्रैप: जप्त 5 हार्ड डिस्क मे हैं नेताओं – मंत्रियों अफसरों और बिल्डरों के चेहरे

भोपाल। मध्य प्रदेश के राजनीतिक प्रशासनिक और व्यवसायिक जगत में हलचल मचा देने वाली हाईप्रोफाइल हनी ट्रैप का राज़ उन पांच हार्डडिस्क में है, जो आरोपी युवतियों से बरामद हुई हैं.इन हार्ड डिस्क में पूर्व और मौजूदा सरकार के कई नेताओं-मंत्रियों के नाम हैं.कई ब्यूरोक्रेट्स भी हनी ट्रैप हुए हैं. हार्ड डिस्क राज़ उगल चुकी हैं हार्डडिस्क ने एक पूर्व राज्यपाल, 1पूर्व मुख्यमंत्री, 2 मौजूदा मंत्री, तीन पूर्व मंत्री, एक पूर्व सांसद, एक राजनैतिक पार्टी संगठन के बड़े नेता, 5 आईएएस अधिकारी, डीजी रैंक के एक अधिकारी, एडीजी रैंक के 2 अधिकारी, एडिशनल एसपी रैंक के 2 अधिकारी, 3 सीएसपी रैंक के अधिकारी, 10 बड़े बिल्डर और कारोबारी, एक मौजूदा मंत्री के ओएसडी, एक विधायक, सागर के एक नेता, इंदौर के एक नेता के साथ मौजूदा सरकार और पूर्व सरकार के कई नेताओं के राज़ उगले हैं.लेकिन फिलहाल फॉरेंसिंक जांच के बाद ही पुलिस आगे बढ़ेगी।

आरोपी युवतियों को नेताओं-अफसरों और व्यापारियों ने महंगे बंगले और लग्जरी कार गिफ्ट की थीं. एनजीओ की आड़ में करोड़ों रुपए का फायदा युवतियों को पहुंचाया जा रहा था.आरोपी युवती के पास लैंड रोवर, मर्सिडीज और एक ऑडी कार है.एक लग्जरी कार एक बिल्डर ने आरोपी को गिफ्ट की थी.साथ ही मिनाल रेसीडेंसी में एक प्लॉट की रजिस्ट्री भी कराई.भोपाल नगर निगम ने आठ करोड़ का काम आरोपी महिला के पति को दिया था।
हनी ट्रैप के मामले में इंदौर पुलिस ने दो युवतियों और भोपाल पुलिस ने तीन महिलाओं के साथ एक पुरुष को गिरफ्तार किया था.इन आरोपियों से पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ पांच हार्डडिस्क भी ज़ब्त कीं.एटीएस, इंटेलिजेंस और पुलिस मिलकर इन हार्ड डिस्क की जांच कर रही है.इसकी फॉरेंसिंक जांच कराई जा रही है.लेकिन उससे पहले जब हार्डडिस्क का डाटा खंगाला गया, तो कई नौकरशाह और राजनेता बेनकाब हो गए।

सब पर होगी कार्रवाई
प्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन और खेल मंत्री जीतू पटवारी ने हनी ट्रैप के सियासी कनेक्शन पर कहा पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. गिरोह में बीजेपी या कांग्रेस जिस भी दल के नेता शामिल मिलेंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी. किसी के दबाव में कार्रवाई प्रभावित नहीं होगी।

इंदौर डीआईजी रुचि वर्धन मिश्रा का कहना है अभी सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी जो भी तथ्य सामने आएंगे, उस पर कार्रवाई की जाएगी.आरोपियों से पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ पांच हार्डडिस्क भी ज़ब्त कीं गई है .
हनी ट्रेप मामले में पकड़ी गई महिला आरोपियों को शुक्रवार को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. पर्याप्त साक्ष्य पेश नहीं कर पाने से कोर्ट ने पुलिस की रिमांड याचिका खारिज कर दी.सभी महिलाएं 4 अक्टूबर तक ज्यूडिशियल रिमांड पर रहेंगी.शुक्रवार को जज राकेश कुमार पाटीदार की कोर्ट में पुलिस ने श्वेता पति विजय जैन , बरखा पति अमित सोनी भटनागर , और श्वेता पति स्वप्निल जैन को पेश किया था. गुरुवार को इन तीनों को एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया । आज पुलिस ने फिर इनका 2 दिन का रिमांड मांगा. वहीं सुबह एटीएस और क्राइम ब्रांच ने तीनों महिलाओं से एक साथ और अलग-अलग पूछताछ की. सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान इन्होंने कई बड़े नेता, अधिकारियों के नाम पुलिस को बताए हैं. दोपहर में एमवाय अस्पताल में मेडिकल के बाद श्वेता, बरखा और श्वेता को कोर्ट के समक्ष पेश किया. श्वेता के वकील द्वारा कोर्ट में डॉक्टर द्वारा जारी पत्रक पेश किया गया, जिसमें गंभीर बीमारियां बताई गई और उसके मेडिकल ट्रीटमेंट की बात कही गई. इस पर न्यायाधीश ने सोमवार को सुनवाई का कहा. वहीं महिलाओं के वकील सुरेंद्र वर्मा ने बताया कि पुलिस को लैपटॉप, 14 लाख रुपए और वीडियो के संबंध में पूछताछ करनी है, इसलिए रिमांड मांगी थी. इस पर हमने कोर्ट से कहा कि पुलिस काल्पनिक आधार पर रिमांड मांग रही है. अभियुक्त महिलाएं हैं, इसलिए उन्हें ज्यादा दिन तक पुलिस रिमांड में नहीं रखा जा सकता है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए, इसलिए कोर्ट ने रिमांड निरस्त कर न्यायिक हिरासत में जिला जेल भेज दिया.
जबकि इंदौर में जाल बिछाकर पकड़ी गई आरती दलाल और मोनिका यादव सोमवार तक के लिए पुलिस रिमांड पर है उनसे आज भी कड़ी पूछताछ कर हनी ट्रैप मामले में कई जरूरी राज उगलवाने की कोशिश इंदौर पुलिस ने की .

बताया जाता है कि इस पूछताछ में भी पुलिस
को कुछ नए तथ्य के बारे में पता चला है और दोनों महिलाओं के निशानदेही पर भोपाल और इंदौर की अन्य युवतियों को भी हिरासत में लिया जा सकता है .जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस गिरोह के साथ काम करते थे या इन महिलाओं को मदद पहुंचाते थे।
पुलिस को गिरफ्तार महिलाओं के मोबाइल फोन हार्ड डिस्क आदि में 1हजार से अधिक अश्लील वीडियो क्लिप मिले हैं साथ ही 200 ऐसे फोन नंबर का भी पता चला है जिसमें इन महिलाओं ने पिछले 15 दिनों में कई बार बातचीत एवं चेटिंग भी की है। यह तथ्य उजागर होने के बाद राजनीतिक प्रशासनिक हलकों के साथ ही व्यवसायिक जगत में भी हड़कंप मचा हुआ है। किसी ना किसी रूप में इन महिलाओं से जुड़े कांग्रेस और भाजपा नेताओं मंत्रियों पूर्व मंत्रियों सीनियर और जूनियर आईएएस और आईपीएस अधिकारी, नामी-गिरामी बिल्डर और ठेकेदार के साथ ही किसी ना किसी रूप में इन हाई प्रोफाइल महिलाओं और ब्लैक मेलिंग के शिकार लोगों के बीच मध्यस्था कराने वाले दलालों के चेहरे से हवाइयां उड़ने लगी है उन्हें लगने लगा है की पुलिस जांच में देर सवेर उनके नाम का खुलासा होगा और उनके चेहरे समाज के सामने बेनकाब हो जाएंगे। कुछ लोग तो सोशल मीडिया में एक दूसरे पर सत्य करते हुए पोस्ट भी डालना शुरू कर दिया है। बड़े स्तर पर यह भी प्रयास शुरू हो गए हैं कि अभी तक हुई पूछताछ के बाद आगे के खुलासे ना हो इसलिए इस कार्रवाई को किसी भी तरह यहीं रोक दी जाए। इस उच्च स्तरीय प्रयास में मौजूदा और पूर्व वर्ती सरकार के 2-2 मंत्रियों के युद्ध स्तर पर लगे होने की जानकारी भी सामने आ रही है।

श्वेता विजय जैन
हनी ट्रैप रैकेट के उम्र 40 वर्ष इस आरोपी महिला को सागर का मूल निवासी बताया गया है वह वर्तमान में भोपाल के न्यू मिनाल रेसीडेंसी में रहती है उसने स्वयं को एक बड़ी कंपनी का मालिक बताने में गुरेज नहीं करती थी और एलटी एलटी एच आई कंपनी का मालिक बताती थी सागर में निवास करने के दौरान ही इनके कई मामले उजागर हुए थे कलेक्टर इ रमेश कुमार के साथ रंगरेलियां मनाते हुए उनकी पत्नी ने रंगे हाथों पकड़ा था बदनामी के डर से कलेक्टर ने गुपचुप रूप से अपना तबादला करा लिया। भाजपा में रहकर सक्रिय राजनीति करती थी भाजपा नेताओं पूर्व मुख्यमंत्री और मंत्रियों से इनके अंतरंग संबंध रहे। एनजीओ भी चलाती थी और अपने संबंधों के बल पर सरकार से कई प्रोजेक्ट हासिल कर चुकी है। प्रदेश भाजपा कार्यालय में संगठन महामंत्री अरविंद मेनन के साथ अधिकतर दिखाई देती थी और उन्होंने सागर विधानसभा सीट से भाजपा की टिकट की डिमांड भी की थी।
श्वेता स्वप्निल जैन
भोपाल के सबसे पास कॉलोनी रिवेयरा टाऊन से पुलिस गिरफ्त में आई श्वेता स्वप्निल जैन को इस हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप गिरोह का सरगना बताया जाता है 48 वर्षीय यह महिला स्वयं को फिजियोथैरेपिस्ट बताकर रईसी ठाट बाट से रहती थी मंत्रालय में इनका रोज का आना जाना था यह भी जानकारी मिली है कि इसमें 1 वर्ष पूर्व ही एक पूर्व सांसद की सीडी बनाकर उनसे तो करो रुपए वसूली थी उनके रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की आईएएस आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग में भी हम रोल निभाती थी स्पष्ट है कि इसके लिए अपने उच्च संपर्क का उपयोग करती थी। इसके रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की ₹35,000 किराए के मकान में रहती है जो पूर्व मंत्री ब्रजेंद्र प्रताप सिंह की है। उनके घर के सामने अधिकतर लग्जरी कारें आकर खड़ी होती थी।
बरखा भटनागर सोनी
आराधना नगर कोटरा सुल्तानाबाद के एक फ्लैट से डिटेक्ट की गई बरखा भटनागर 34 साल की सक्रिय कांग्रेस नेत्री है उन्हें फरवरी 20 अट्ठारह में अखिल भारतीय महिला कांग्रेश कमेटी की ओर से मध्य प्रदेश के सोशल मीडिया सेल का स्टेट कोऑर्डिनेटर बनाया गया था। उनके पति अमित सोनी मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया सेल के उपाध्यक्ष नियुक्त हुए थे जिन्हें बाद में पद से हटा दिया गया था। बरखा के कई कांग्रेस नेताओं से अंतरंग संबंध बताएं जा रहे हैं मौजूदा सरकार के कुछ मंत्रियों से भी मंत्रालय में भी रोज इनका आना जाना था जहां वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के चेंबर में बैठकर घंटों बतियाते रहती थी अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग में भी बढ़-चढ़कर रुचि लेती थी।
आरती दलाल
ब्लेक मेलिंग की 50 लाख रुपए की राशि लेने के फेर में इंदौर पहुंची और पुलिस के बुने जाल में फंसी 29 वर्षीय आरती दलाल भोपाल के सागर लैंडमार्क कॉलोनी में रहती है और एनजीओ चलाती है मूलता छतरपुर निवासी इस खूबसूरत महिला ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से एनजीओ के नाम पर करोड़ों रुपए हासिल की। भोपाल आने के पहले उन्होंने छतरपुर के एक युवा व्यापारी को अपने रूप जाल में फंसा और जब वह कंगाल हो गया तो उसे छोड़कर कुछ अन्य को भी ब्लैक मेलिंग करने लगी। इनके कुछ आईएएस आईएएस अधिकारियों के साथ अंतरंग वीडियो क्लिपिंग की बात सामने आई है एसीएस पीसी मीणा के साथ वायरल अश्लील वीडियो में जो महिला दिखाई दे रही है उसकी पहचान ही आरती दलाल के रूप में हुई है बताया जाता है कि वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने अपना पिंड छुड़ाने के लिए मिनाल और होशंगाबाद रोड में उन्हें प्रॉपर्टी गिफ्ट की है।
मोनिका यादव
आरती दलाल के साथ इंदौर में पकड़ी गई मोनिका यादव पुलिस के गिरफ्त में आए गिरोह के सबसे कम उम्र की लड़की है मोनिका श्वेता ,बरखा एवं अन्य जूतियां जब माल लाल शिकार के साथ तय स्थान पर अंतरंग संबंध स्थापित करते थे तो इनके द्वारा छिपकर वीडियो क्लिपिंग तैयार की जाती थी इंदौर के नगर निगम इंजीनियर हरभजन सिंह का वीडियो क्लिपिंग इसी युवती ने एक होटल में बनाई थी और इसी के आधार पर उनसे 3 करोड़ रुपए की मांग आरती दलाल द्वारा की जा रही थी। मूलतः राजगढ़ जिले की रहने वाली यह यूपी भोपाल के एक कॉलेज में बीएससी की छात्रा है।
कई दिग्गजों को घेरने के प्रयास
पूरे प्रदेश के जनमानस को झकझोर कर रख देने वाली इस हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप के मामले में पुलिस के पास जो प्रारंभिक खुफिया जानकारी एवं तथ्य मिले हैं उसमें पता चला है कि इन महिलाओं के गिरोह के द्वारा अब तक 25 से 30 ओहदे दार रसूखदार राजनेताओं, व्यवसायियों और वरिष्ठ अधिकारियों को भी अपनी करतूतों से ब्लैकमेल करने का प्रयास किया जा चुका है।पुलिस सूत्रों से मिली अपुष्ट जानकारी के अनुसार इसमें पूर्व मुख्यमंत्री स्व बाबूलाल गौर, पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी, भाजपा के पूर्व प्रदेश संगठन मंत्री अरविंद मेनन, पूर्व सांसद आलोक संजर पूर्व मंत्री विजय शाह आईएएस पीसी मीणा सागर के पूर्व कलेक्टर ई रमेश कुमार इंदौर और सतना जिले के दो विधायक बताए गए हैं। इस बिंदु पर और जांच जारी है। कतिपय दिग्गजो द्वारा अपने इन महिलाओं के साथ अंतरंग वीडियो हासिल करने के बदले बड़ी रकम दी गई है या प्रॉपर्टी खरीद कर दी गई है । इसमें फ्लैट , डुप्लेक्स और प्लाट शामिल हैं । इस पर पुलिस अपना इन्वेस्टिगेशन के बाद कई बड़े खुलासे और कर सकती है। जांच के दौरान यह भी पाया गया है कि रैकेट की इन महिलाओं के द्वारा कई अन्य रसूखदार एवं प्रभावशाली लोगों के भी अपने साथ अंतरंग वीडियो फुटेज बनाए गए हैं और आने वाले दिनों में इन्हें भी हनी ट्रैप का शिकार बना कर बहुत बड़ी रकम और प्रॉपर्टी हासिल करने के प्रयास किए जा रहे थे। बड़े अधिकारियों के मनपसंद स्थानों में पदस्थापना के साथ ही अपने परिजनों के नाम करोड़ों के ठेके और अपने एनजीओ को करोड़ों के योजना संचालित करने का अधिकार दिलाने के प्रयास भी किए जा रहे थे। पुलिस रिमांड में आरती दलाल और मोनिका यादव से कई राज उगलवाने के प्रयास किए जा रहे हैं । आने वाले दिनों में पुलिस एक बार फिर मीडिया के सामने अब तक की रिकवरी एवं जांच में आए नए तथ्यों का खुलासा कर सकती है। तभी नामों का स्पष्ट खुलासा होगा और इस झकझोर देने वाले मामले से पूरा पर्दा उठेगा। सूत्रों के हवाले से यह भी जानकारी मिली है कि आने वाले समय में इस मामले में लिप्त पाए गए अफसरों और राजनेताओं पर भी गाज गिर सकती है।
40 कॉल गर्ल्स के नंबर
पता चला है कि गिरफ्तार आरोपी महिलाएं नेताओं और अफसरों को फंसाने के लिए कॉल गर्ल्स का भी इस्तेमाल करती थीं. आरोपी युवतियों से ज़ब्त मोबाइल फोन में दर्जनों कॉल गर्ल्स के साथ-साथ आईएएस-आईपीएस अफसरों और बीजेपी-कांग्रेस के कई नेताओं के नंबर और कॉल डिटेल्स मिले हैं. माना जा रहा है कि ये नंबर ही अब कई राज खोलेंगे.सूत्रों ने बताया कि हनी ट्रैप में गिरफ्तार महिलाओं के साथ कई कॉल गर्ल्स भी इस गोरखधंधे में शामिल हैं. आरोपी युवतियां, नेताओं और अधिकारियों को रिझाने और फंसाने के लिए कॉल गर्ल्स का इस्तेमाल करती थीं. युवतियों से बरामद पांच मोबाइल फोन ने कई राज उगले हैं. बताया जा रहा है कि ये युवतियां, राजनेताओं और अधिकारियों के पास एनजीओ के काम के बहाने जाती थीं और फिर साजिश के तहत अपना काम शुरू करती थीं. वो नेताओं और अफसरों को हुस्न के जाल में फंसाकर उन्हें कॉलगर्ल्स का ऑफर देती थीं. जो लोग राजी हो जाते थे उनके पास कॉल गर्ल्स पहुंचा दिया जाता था.
सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार युवतियों के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल निकाली गईं तो उसमें करीब 40 कॉल गर्ल्स के मोबाइल फोन नंबर मिले. इन नंबरों पर आरोपी युवतियों ने कई बार संपर्क किया. जिन कॉल गर्ल्स के नंबर हैं वो भोपाल, इंदौर, सागर और दूसरे जिलों की रहने वाली हैं. सबसे ज्यादा नंबर भोपाल की कॉल गर्ल्स के मिले. पुलिस अब उन नंबरों के आधार पर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिरकार वो कौन सी कॉल गर्ल्स हैं जो इन आरोपी युवतियों के साथ लंबे समय से लगातार संपर्क में हैं. पुलिस इस बात का भी पता लगा रही है कि इन कॉल गर्ल्स के अलावा भी क्या दूसरे लोग भी इस हनी ट्रैप रैकेट में शामिल थे
रिपोर्ट नहीं दर्ज कराना चाहता था हरभजन
हनी रेप के मामले में जिस एफ आई आर के बाद पुलिस और एसटीएफ ने कार्रवाई शुरू की और मध्यप्रदेश का खुफिया तंत्र सक्रिय हुआ उस f.i.r. को ब्लैक मेलिंग का शिकार होने जा रहे नगर निगम इंदौर के इंजीनियर हरभजन सिंह दर्ज ही नहीं कराना चाहते थे। एसीएस पीसी मीणा के अंतरंग वीडियो वायरल होने के बाद से ही खुफिया तंत्र को इन महिलाओं के लगातार इनपुट मिल रहे थे और आरती दलाल की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी अंततः पूरी योजनाबद्ध ढंग से मध्य प्रदेश पुलिस के खुफिया तंत्र ने हरभजन सिंह पर शिकंजा कसा और उन्हें एफ आई आर दर्ज करवाने के लिए मजबूर किया इसके बाद ही इस हुस्न बैंक पर कार्रवाई की शुरुआत हुई सबसे पहले आरती और मोनिका को एक ड्राइवर के साथ गिरफ्तार कर उस कार को भी जप्त किया गया जिसमें यह भोपाल से इंदौर पहुंचे थे

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