हाई कोर्ट की एसआईटी को कड़ी फटकार, अब बिना हाईकोर्ट की इजाजत के ना ही कोई ऐसा ही की चीज बदले जाएंगे और ना ही कोई मेंबर, 15 दिन में तलब की पूरी रिपोर्ट
इंदौर 21 अक्टूबर 2019। हनी ट्रैप मामले में SIT में अब किसी तरह का बदलाव नहीं होगा। ना ही SIT चीफ बदले जायेंगे और ना ही किसी SIT मेंबर को बदला जायेगा। हनीट्रैप मामले में सुनवाई करते हुए इंदौर हाईकोर्ट ने आज SIT को कड़ी फटकार लगायी। जांच की सुस्त रफ्तार, बार-बार एसआईटी चीफ को बदलने और आधी-अधूरी रिपोर्ट को लेकर कड़ी नाराजगी जताते हुए इंदौर हाईकोर्ट ने 15 दिन के भीतर पूरी रिपोर्ट तलब की है।
हाईकोर्ट ने सवाल उठाया है कि हनी ट्रैप मामले में अभी तक जितने भी इलेक्ट्रानिक्स आईटम जब्त हुए हैं, उन सभी की जांच रिपोर्ट अभी तक क्यों नहीं आयी है। हाईकोर्ट ने हार्डडिस्क, चिप और अन्य उपकरणों की जांच हाईकोर्ट की फारेंसिक लैब में कराने का निर्देश दिया है। इस मामले में अब पूरी सुनवाई दिसंबर के पहले सप्ताह में होगी।
हाईकोर्ट ने ये भी पूछा कि आखिर क्यों दो-दो बार एसआईटी के चीफ को बदलने की जरूरत पड़ी और बदले जाने के बाद जांच में क्या बदलाव आया। हाईकोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि अगली बार से कोई भी बदलाव बिना हाईकोर्ट की अनुमति के नहीं किया जायेगा। इससे पहले आज राज्य सरकार हाई कोर्ट में जवाब पेश किया। एसआईटी प्रमुख बदलने के कारण और मामले की जांच की प्रोग्रेस रिपोर्ट पर हाईकोर्ट बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं दिखा। सरकार ने सबसे पहले एसआईटी बनाई तो उसका प्रमुख आईपीएस डी. श्रीनिवास वर्मा को बनाया था, लेकिन उन्होंने खुद ही इस पद को छोड़ दिया था। इसके बाद डीजीपी ने सीनियर आईपीएस संजीव शर्मा को माॅनिटरिंग के लिए नियुक्त किया था। उनके हटने पर प्रदेश के प्रमुख सीनियर आईपीएस में शुमार राजेंद्र कुमार को जवाबदारी सौंपी गयी थी।
दरअसल हनी ट्रैप मामले को लेकर इंदौर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गयी थी। याचिकाओं में यह भी मांग की गई है कि हाई कोर्ट इस केस की माॅनिटरिंग के लिए एक कमेटी गठित कर दे।