इंदौर पुलिस प्रदेश में टॉप 5 में, व्हेकिल डिटेक्शन पोर्टल जिससे चोरी हुए वाहनों का पता लगता है उसका सबसे अच्छा उपयोग करने में इंदौर डीआईजी प्रदेश में दूसरे स्थान पर
इंदौर – मध्यप्रदेश पुलिस वेहिकल डिटेक्शन पोर्टल के उपयोग में जिला इन्दौर ने बाजी मारी।
पूरे मध्यप्रदेश की रिपोर्ट में इंदौर डीआईजी से लेकर टीआई तक हुए टाॅप-5 में शामिल।
इंदौर- 16 जनवरी 2020- मध्यप्रदेश पुलिस वेहिकल डिटेक्शन पोर्टल पुलिस दूरसंचार संगठन भोपाल द्वारा तैयार किया गया ऑनलाइन पोर्टल है, जिसकी सहायता से चोरी गये वाहनों की पतारसी ओर उनकी जांच में पुलिस को मदद मिलती हैं, इसी उद्देश्य से इस पोर्टल का निर्माण किया गया है। इस पोर्टल के उपयोग हेतु, मध्यप्रदेश के सभी थाना प्रभारी से लेकर पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारियों के लिए पृथक से यूजर आईडी ओर पासवर्ड बनाये गये हैं, जिसके माध्यम से सभी अधिकारीगणों द्वारा इसके उपयोग से चोरी/लावारिस के वाहनों के संबंध में जानकारी प्राप्त की जा रही है।
इस पोर्टल का उपयोग को लेकर पूरे मध्य प्रदेश की एक ऑनलाइन रिपोर्ट आयी है, जिसमें पूरे मध्य प्रदेश से टॉप 3 जिलों के एसपी/उमनि स्तर के अधिकारियों में, इंदौर की उप पुलिस महानिरीक्षक इंदौर शहर श्रीमती रुचिवर्धन मिश्र नंबर-2 पर है, जो कि इंदौर जिले के लिए बड़े गौरव की बात है।
इसी प्रकार पूरे प्रदेश के एडीशनल एसपी स्तर के अधिकारियों में, जिला इन्दौर की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्रीमती मनीषा पाठक सोनी पूरे मश्यप्रदेश मे नम्बर-3 पर है। वहीं सीएसपी/डीएसपी में, इन्दौर की नगर पुलिस अधीक्षक संयोगितागंज श्रीमती ज्योति उमठ 5 वें पायदान पर है।
यही नही जिला इंदौर के थाने भी इसका उपयोग करने में पीछे नही है। इंदौर जिले के 3 थाने है जो पूरे मध्य प्रदेश के टॉप 10 थानों में शामिल है, जिनमें से थाना महू नंबर-2, थाना राजेन्द्र नगर नंबर-5 और थाना मल्हारगंज नंबर-6 पर है।
इस पोर्टल के द्वारा न केवल चोरी गये वाहनों अपितु लावारिस वाहनों के संबंध में भी उनके इंजिन/चेसिस नंबरों के आधार पर वाहन व उसके मालिक का पता लगाया जा सकता है। इसमें वाहनों की जानकारी के साथ ही वाहन मालिक के संबंध में भी जानकारी फीड की गयी है, जिसकी मदद से वाहन की पतारसी तो की ही जा सकती और यदि वह वाहन किसी अपराध में संलिप्त है तो उसके निराकरण में भी यह पोर्टल महत्वपूर्ण निभा सकता है। जिला इन्दौर इस पोर्टल का उपयोग करने में अग्रणी जिला होकर, इस प्रकार के चोरी/लावारिस वाहनों की जानकारी पता लगाने के साथ ही अपराध नियंत्रण हेतु भी इसकी मदद ले रहा है।