भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री को पद से हटाया, 7 दिनों में मांगा जवाब
उज्जैन – महिला मोर्चा नेत्री ने उज्जैन के मंडल उपाध्यक्ष को कहे थे अपशब्द, सोशल मीडिया पर हुआ था विवाद
विवाद का ऑडियो सोशल मीडिया में हुआ था वायरल, पार्टी ने अनुशासनहीनता माना
इंदौर. फेसबुक पोस्ट को लेकर भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री श्रेष्ठा जोशी का उज्जैन भाजयुमो के मंडल उपाध्यक्ष लखन चौहान से हुए विवाद में पार्टी ने इंदौर में रहने वाली जोशी को पद से हटाते हुए 7 दिनों में स्पष्टीकरण मांगा है। गुरुवार को भाजपा ने नोटिस जारी कर कहा है कि मामले में जोशी ने स्पष्टीकरण नहीं दिया तो उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि बुधवार को सोशल मीडिया पर डाली गई एक पोस्ट को लेकर जोशी और चौहान में विवाद हो गया था। बात इतनी बढ़ गई कि श्रेष्ठा ने मोबाइल पर लखन को अपशब्द तक कह डाले। इसका ऑडियो वायरल होने के बाद भाजपा में बवाल मच गया था। भोपाल से जानकारी मांगी गई, लेकिन नेताओं ने चुप्पी साध ली। विवाद की शुरुआत फेसबुक पर जातिगत विषय पर चल रही चर्चा के दौरान हुई। इसमें श्रेष्ठा ने कुछ लिखा तो लखन ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी।
बाद में सोशल मीडिया की बहस में दो-तीन लोग और शामिल हो गए, लेकिन लखन और श्रेष्ठा एक-दूसरे पर व्यक्तिगत टिप्पणी करने लगे। श्रेष्ठा ने लखन को फोन कर बात की तो मामला और गंभीर हो गया। इनकी बातचीत के पांच ऑडियो वायरल हुए हैं, जिनमें श्रेष्ठा लखन को उन बातों को लेकर फटकार लगा रही हैं। कई बार इसमें अपशब्दों का भी प्रयोग हुआ।
ऑडियो वायरल; तेरे जैसे तो मेरी गाड़ी का गेट खोलते हैं
श्रेष्ठा- तेरे पिता का नाम बता, कितने साल का है तू।
लखन: दीदी ढंग से बात करो।
श्रेष्ठा: मुझे मत सीखा। माफी मांग अभी। तेरे जैसे छोरे मेरी गाड़ी का दरवाजा खोलते हैं। तेरे मोहल्ले में ही आकर जूते मारूंगी।
लखन: आपने मेरा बहुत मान-सम्मान खराब कर लिया।
श्रेष्ठा: पोस्ट पर कमेंट अच्छा नहीं लगा तो अलग से बोल देता। तू अब राजनीति कर लेगा क्या?
(ऑडियो में महेंद्र नामक नेता समझौता करवाने की कोशिश करते रहे, पर तू-तू, मैं-मैं और बढ़ती गई)
कांग्रेस बोली, भाजपा को दलित समुदाय से माफी मांगनी चाहिए
प्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि बेहद शर्मनाक…भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री की सोशल मीडिया में दलित वर्ग के विरोध में लिखी गई पोस्ट व अमर्यादित भाषा वाला ऑडियो वायरल होने के बाद भी उन्हें पार्टी के दायित्वों से मुक्त मात्र किया गया है। उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित नहीं किया गया है। और ना ही भाजपा ने दलित समुदाय से, इन आपत्तिजनक टिप्पणियों पर कोई माफी मांगी है। उक्त महिला नेत्री को जारी पत्र में लिखा गया है कि आपके कृत्य से पार्टी की छवि धूमिल हो रही है, यह अनुशासनहीनता की परिधि में आता है।
बड़ा ही शर्मनाक है कि दलित वर्ग के प्रति लिखी विवादित पोस्ट व अमर्यादित भाषा वाले ऑडियो सामने आने के बाद, और पार्टी द्वारा इसे स्वीकारने के बाद भी, इसे पार्टी की छवि धूमिल होना माना गया है। जिस दलित समुदाय के प्रति आपत्तिजनक भाषा उक्त महिला नेत्री ने लिखी है उस वर्ग की छवि को लेकर कोई खेद व्यक्त नहीं किया गया है।
प्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक का कहना है कि सागर जाकर दो दिन पूर्व दलित समाज के हितैषी बनने का ढोंग करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को तत्काल दलित समुदाय से माफी मांगने के साथ उक्त महिला नेत्री को तत्काल पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित करना चाहिए।