बैंको के करोड़ों रुपए के डिफाल्टर की फाइलें हो रही इंदौर तहसीलदार कार्यालय से ‘ गुम ‘ , कोर्ट ने दिया डिफाल्टर की प्रॉपर्टी पर कब्जे का आदेश लेकिन पूरा प्रशासन मौन
इंदौर – उच्च न्यायालय के आदेशों की अनदेखी करते सरकारी अधिकारी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पंजाब नेशनल बैंक के डिफाल्टर इंडियन सोया की एक फ़ाइल इंदौर तहसीलदार ब्रह्मस्वरूप जी के पास है जिसके कब्जे के आदेश उन्हें निकलना है। Drt कोर्ट ने 1 माह पहले पार्टी का आवेदन निरस्त कर तहसीलदार को आदेश दिए है कि प्रकरण में पार्टी को बहुत समय दिया जा चुका है जल्द से जल्द संपत्ति पर बैंक को कब्जा दिलाया जाए। लेकिन सूत्रों से पता चला है तहसीलदार महोदय के पास से फ़ाइल ही गायब है। बैंक ने प्रतिलिपि उपलभ्ध करवा दी है बावजूद उसके कब्जे के आदेश नही बना रहे और पार्टी को फ़ाइल घूम होने का बहाना बना समय दिया जा रहा है। पहला सवाल तो ये है कि तहसीलदार कोर्ट से सरकारी दस्तावेज गुम कैसे हो सकते है और जिम्मेदारों पर तहसीलदार महोदय ने क्या कार्यवाही की।दूसरा सवाल ये है कि जब बैंक ने दस्तावेजो की प्रतिलिपि उपलब्ध करवा दी है तो आदेश बनाने में क्या अड़चन आ रही है। सरफेसी एक्ट में वैसे तो बैंक को ये पावर मिले हुए है कि पार्टी को डिफाल्टर घोसित कर 2 माह में नोटिस दे संपत्ति पर कब्जा ले सकती है। लेकिन कब्जे के दौरान होने वाले विवादों से बचने के लिए कानून ने ये व्यवश्था की है कि जिला कलेक्टर, संभंधित थाना प्रभारी को सूचित कर बैंक कब्जे के लिए जाए। लेकिन अधिकारियों के इस रवैये ने 2002 सरफेसी एक्ट के भी हाथ बाँध बैंक के npa में बढ़ोतरी करने की ओर कार्य कर रहे है। अशोक रघुवंशी भारतीय न्यूज़।