जिस शहर में कोरोना के 19 मरीज़ उस शहर की मेडिकल टीम इतनी लापरवाह की डीआईजी के कहने पर भी नहीं पहुंची संदिग्ध मरीज़ के घर, जबकि मरीज़ में कोरोना के सम्पूर्ण लक्षण थे
डॉ सौरभ माथुर
इंदौर। जिस शहर में कोरोना जैसी बीमारी इतनी तेज़ी से फैल रही हो कि वो शहर पूरे देश में दूसरे नंबर पर आ जाए, ऐसे शहर की मेडिकल टीम और अस्पतालों को क्या सुपर एक्टिव नहीं होना चाहिए ?
उल्टा इंदौर की मेडिकल व्यवस्थाएं इतनी ढीली हैं कि यहां डीआईजी के कहने के बाद भी टीम मरीज़ के घर नहीं पहुंच रहीं हैं, एक ऐसे ही मामले में जहां हमारे संवादाता अशोक रघुवंशी ने इंदौर की सत्यम विहार कॉलोनी में रहने वाले करण सिंह की मदद के लिए जब डीआईजी को फोन लगाया तब उन्होंने तुरंत मेडिकल टीम को मरीज़ के घर जाकर उसकी कोरोना जांच करने को कहा जिसे भी अनसुना कर दिया गया, अंत में 60 वर्षीय मरीज़ को उसके परिजनों ने दो हजार रूपए देकर ऑटो द्वारा एमवाय अस्पताल भेजा गया।
शहर के तकरीबन सभी अस्पताल कोरोना (Corona in Indore) के संदिग्ध मरीजों से पल्ला झाड़ रहे हैं, शहर में बनें कंटेनमेंट एरिया में आज तक एक कि भी स्क्रीनिंग नहीं हुई है, ऐसे में क्या शिवराज सरकार को लापरवाही के ख़िलाफ़ सख्त एक्शन नहीं लेना चाहिए ?