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इंदौर कलेक्टर के ख़िलाफ़ दायर याचिका में हत्या के प्रयास की धारा 307 में कार्यवाही करने की मांग, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को अनदेखा करने का मामला

सतना-रीवा एवं इंदौर के कलेक्टर ,राज्य शासन के सचिव और मुख्य सचिव  के खिलाफ रीवा अदालत में पेश की अवमानना याचिका

इंदौर। कोरोना पर नियंत्रण के लिए जारी सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों की अवमानना और लॉकडाउन के उल्लंघन के आरोप में इंदौर कलेक्टर के खिलाफ रीवा जिला अदालत में अवमानना याचिका दायर की गई है।

इस पर 4 मई को सुनवाई होगी। स्टेट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष शिवेन्द्र उपाध्याय ने  3 अप्रैल को याचिका दायर की थी।

डीजे कोर्ट से प्रकरण एडीजे कोर्ट में अंतरित होने के बाद मंगलवार को सरकारी वकील ने अदालत से दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए वक्त मांगा। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ने मोहलत देते हुए 4 मई की डेट दी है।
क्या है मामला :  न्यायालय अवमानना अधिनियम की धारा-12,14 और 15 के तहत प्रस्तुत याचिका में अधिवक्ता शिवेन्द्र उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश दिनांक 23 मार्च 2020 (पिटीशन क्रमांक-1/20) का उल्लेख करते हुए स्पष्ट किया है कि कोरोनावायरस के संक्रमित को एक जेल से दूसरे जेल में सामान्य अंतरण नहीं किए जाने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी इंदौर के रासुका के आरोपी 2  संक्रमित बंदियों को पहले सतना की सेंट्रल जेल और फिर वहां से रीवा मेेडिकल कॉलेज ले जाया गया।
ये हैं आरोप  : याचिका में आरोप लगाए गए हैं कि यह कृत्य सुप्रीम कोर्ट की अवमानना और लॉकडाउन के दौरान संक्रमण फैलाने के अपराध की श्रेणी में है। याचिका में  आरोपियों के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना के साथ आईपीसी की धारा-307, 269, 270 और आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा-55 के तहत कार्यवाही किए जाने की मांग की गई है। याचिका में इस प्रकरण को हाईकोर्ट या फिर सुप्रीम कोर्ट के सुपुर्द किए जाने का भी आग्रह किया गया है।

4 मई को सुनवाई 

कोरोना के संक्रमण की वैश्विक महामारी पर नियंत्रण के लिए जारी सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों की अवमानना और लॉकडाउन के निरंतर उल्लंघन  के आरोप में सतना-रीवा एवं इंदौर के कलेक्टर ,राज्य शासन के सचिव और मुख्य सचिव  के खिलाफ रीवा के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश गिरीश दीक्षित की अदालत में दायर अवमानना याचिका पर 4 मई को सुनवाई होगी। स्टेट बार के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता शिवेन्द्र उपाध्याय ने रीवा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरुण सिंह की कोर्ट में 13 अप्रैल को उक्त आशय की याचिका दायर की थी। डीजे कोर्ट से प्रकरण एडीजे कोर्ट में अंतरित होने के बाद मंगलवार को सरकारी वकील ने अदालत से दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए वक्त मांगा। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ने मोहलत देते हुए 4 मई की डेट दी है।

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