जिन डॉक्टरों का नाम क्वॉरेंटाइन सूची में उनसे ही करवाते रहे इलाज , हंगामा होते देख बाले बालेे दूसरी सूची से नाम ही गायब कर दिया – कुक्षी के ब्लॉक मेडिकल अफसर की लापरवाही से कहीं प्रदेश के गांव गांव में न पहुंच जाए कोरोना
कुक्षी।* कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से लगातार आमजनों के साथ ही,सेवाएं देने वाले कर्मचारी-अधिकारी भी प्रभावित हो रहे है। धार जिले के कुक्षी में भी गत दिवस 2 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव से कोरोना ने दस्तक दी। नगर व क्षेत्र की चिंता करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता सोमेश्वर पाटीदार ने कहा कि, शासन-प्रशासन रात-दिन कोरोना महामारी से लड़ रहा है और दूसरी तरफ ऐसे हालात में सिविल हॉस्पिटल होने के बावजूद बीएमओ जैसे महत्वपूर्ण पद पर बैठे डॉ राजेन्द्र मंडलोई लापरवाह होकर गैर जिम्मेदार होने का खुला परिचय दे रहे।
इनके द्वारा दिनांक 18/04/2020 के आदेश में पॉजिटिव के संपर्क में आये हाई रिस्क लोगों की सूचि जारी की गई थी। जिसमें से कई स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की अन्य आदेश के तहत ड्यूटी भी बताई गई। जब सूचि में दिए गए नाम क्वारन्टाईन होकर पॉजिटिव के संम्पर्क वाले बताये गए फिर उन्हीं लोगों से इलाज़ करवाकर कोनसे समझदारी का परिचय दे रहे थे। जब इस सम्बंध में मौखिक में अधिकारियों को अवगत करवाया तो दूसरे ही दिन बीएमओ मंडलोई ने दूसरा आदेश जारी कर उन्हें ड्यूटी पर जाने की बात कही। पाटीदार ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि, पॉजिटिव के संपर्क वाली हाई रिस्क सूचि बनाने से पूर्व जांच परीक्षण किया था क्या? और दिनांक 19/04/2020 के आदेश में सूची से जिन्हें अलग किया उनका परीक्षण हो चुका था क्या ? मुझे प्राप्त जानकारी व आदेशों से स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि, बीएमओ की भारी चूक व लापरवाही हुई है।
शासन-प्रशासन शीघ्र ही इस और ध्यान देकर उचित कार्यवाही करें ताकि कुक्षी नगर व क्षेत्र महामारी से अधिक फंसने से बचे व प्रभावितों का ठीक से उपचार हो सके। साथ ही शुभारम्भ का इंतजार कर रहे नवीन सिविल हॉस्पिटल भवन को भी उपयोग में लाये। शुभारम्भ का श्रेय जिसे भी लेना हो बाद में लेते रहे अभी महामारी में इसका उपयोग में आना जरूरी है।