इंदौर के अस्पताल में भर्ती लोगों ने रोज़े के लिए मांगे विशेष व्यंजन, सुबह तीन बजे भी कहा देने के लिए – इंदौर कलेक्टर ने किया साफ मना, बोले इस समय बाकी समाज के भी त्योहार निकले लेकिन किसी को नहीं दिया विशेष भोजन, पहली प्राथमिकता है कोरोना से लड़ाई, बाज़ार भी नहीं खुलेंगे अन्यथा 29 मार्च जैसी स्तिथि से कई गुना ज़्यादा होंगे मरीज़ क्यूंकि सबसे अधिक मुस्लिम बाहुल्य इलाकों से ही थे
रमजान का पहला दिन रोजो को लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कोविड पेशेंट के साथ कई परेशानियों से जूझना पड़ा। दरअसल कोविड पेशेंट और क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजे गए लोगों द्वारा रमजान महीने में रोजा रखने के उपरांत विशेष खानपान की मांग की गई जिसे जिला प्रशासन ने सिरे से खारिज कर दिया।
जिलाप्रशासन का कहना है कि किसी भी धर्म के लिए यह विशेष व्यवस्था नहीं दी गई है , पूर्व में भी अन्य धार्मिक त्यौहार आए लेकिन किसी को भी कोई खास व्यवस्था नहीं दी गई ,प्राथमिकता कोविड से लड़ना है और इसी कड़ी में कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अगर बाजार खोले गए तो 29 मार्च को जो स्थिति इंदौर की थी उसे कहीं गुना स्थिति अगले 5 दिन में बढ़ कर सामने आएगी क्योंकि कोविड के सबसे ज्यादा और शुरुआती मरीज मुस्लिम बहुल इलाके से ही ताल्लुक रखते हैं इसलिए रमजान में घर से इबादत करने की सलाह दी गई है।
सामान्यताजो सुविधा सब को दी जा रही है उन्हीं सुविधाओं के साथ रोजमर्रा की दिनचर्या का निर्वाह करें साथ ही कलेक्टर ने यह भी कहा कि कोविड को लेकर घर-घर स्क्रीनिंग की जा रही है डाटा को पूरी तरह से ऐप में लोड किया जा रहा है ताकि भविष्य में भी कोविड की चैन को पकड़ने में आसानी रहे।
बाइट मनीष सिंह कलेक्टर इंदौर