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Madhya PradeshNational Newsइंदौरभोपाल

‘इंदौर को बदनाम करने की कीमत चुकानी होगी, अभी कुछ दिन और इंतज़ार करना पड़ेगा राहत के लिए – कैलाश विजयवर्गीय’ , ‘ कब तक लोगों को पैकेट पहुंचाते रहेंगे, जनता को राहत देनी ही होगी ‘ – सुमित्रा महाजन , आज बैठक के बाद दो अलग नज़रियों में तुला इंदौर का भविष्य , मैन्युफैक्चरिंग उद्योगों को हरी झंडी , 25 % मज़दूरों के साथ काम करें

डॉ सौरभ माथुर

बाईट – सुमित्रा महाजन , कैलाश विजयवर्गीय

इंदौर।  आज भारतीय जनता पार्टी की इंदौर ने  लॉक  डाउन के संबंध में एक बैठक रखी  जिसमें शहर के सभी बड़े नेता जैसे सुमित्रा महाजन, कैलाश विजयवर्गीय, गोपी नेमा, रमेश मेंदोला इत्यादि मौजूद थे जिसमें प्रशासन के भी कुछ वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे  और चर्चा यह रही  कि इंदौर का कर्फ्यू  कब और कैसे खोला जाए.  इस बैठक के बाद जब ताई और कैलाश विजयवर्गीय जी से मीडिया मुखातिब हुई तो दोनों ने बैठक में हुई कुछ बातों पर एक ही राय रखी लेकिन उनका निजी नजरिया काफी अलग था  जैसे सुमित्रा महाजन ने बताया की  शहर में कर्फ्यू और सख्त लॉक डाउन  बहुत ज्यादा नहीं खींचना चाहिए क्योंकि कब तक लोगों को घर-घर जाकर विभिन्न चीजों के पैकेट दिए जाएंगे  ? साथ ही उन्होंने यह भी कहा की बहुत सारे पत्रकारों ने उन्हें दिल्ली से फोन किया  और उनसे पूरे देश भर से सड़कों पर पलायन कर चुके मजदूरों के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि जो मजदूर अपने घर से सड़कों पर निकले हैं वह उनकी अपनी इच्छा से निकले हैं, उनकी अपनी परिस्थितियों की वजह से निकले हैं लेकिन मध्यप्रदेश में वह जहां जहां से भी होते हुए गए वहां  के लोगों ने उनकी बहुत सेवा की,  उन्हें जूते चप्पल पहना रहे हैं , खाने  की व्यवस्थाएं की गई  और यहां तक कि प्रशासन ने अपनी बसें भी लगा करके उनको प्रदेश के बॉर्डर तक छोड़ दिया जब कर इसी बात पर श्री कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा की इंदौर की सबसे साफ छवि को हमने बहुत नुकसान पहुंचाया है और उसकी कीमत हमें चुकानी पड़ेगी  और रहत के लिए  अभी कुछ दिन और  इंतज़ार करना होगा  हालांकि मैन्युफैक्चरिंग उद्योगों को अनुमति दी जाएगी।

इसमें 25 प्रतिशत श्रमिकों के साथ काम किया जा सकेगा और  उन श्रमिकों के खाने पीने की व्यवस्था उद्योग को ही करनी पड़ेगी साथ ही फैक्ट्री में रुकने की व्यवस्था  भी करनी पड़ेगी क्यूंकि  मजदूर अब  घर नहीं जा पाएंगे, उनको फैक्ट्री में ही रहना पड़ेगा।

कुल मिलाकर संदेश साफ है कि इंदौर में अभी  राहत के लिए कुछ और दिनों तक लोगों रुकना  पड़ेगा लेकिन जल्दी खोलने के लिए प्रशासन और  सरकार पूरी तयारी कर रही है , हो सकता है कि मई के आखिरी हफ्ते तक जरूरी व्यापार की  दुकानों को शर्तों के साथ  खोल दिया जाए, देखना यह है भारतीय जनता पार्टी के सबसे पुराने मुख्यमंत्री अलग अलग नेताओं से आ रही विभीन सुझावों को एकजुट करके कैसे अमली जमा पहनाएंगे।

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