छत्तीसगढ़ में वापस आए मजदूरों के आइसोलेशन सेंटर की हालत किसी यातना शिविर से कम नहीं, एक ही हैंड पंप जिसमें से गंदा पानी निकाल रहा उसी से पीने का पानी, शौच और नहाने की व्यवस्था
छत्तीसगढ़ से लम्बोदर ध्रुव की रिपोर्ट
देवभोग: 15 मई को हमारे टीम क़वारेंटाइन केन्द्र शासकीय हाईस्कूल चिचिया में पहुंचा। सरपंच व सचिव ग्राम पंचायत चिचिया से जायजा लिया गया जहां एक माह से भी कम उम्र के बच्चे के साथ कुल 62 व्यक्ति क़वारेंटाइन केन्द्र में होना पाया गया। विश्व में फैले कोविद-19 से बचने के लिये लॉकडाउन के चलते छत्तीसगढ़ शासन के अथक प्रयास से राज्य के बाहर फंसे मजदूरों को अपने गृह ग्राम आने का मौका तो मिल गया। लेकिन क़वारेंटाइन में रह रहे व्यक्तियों से जब हमारे टीम जायजा लिया गया, तब मुख्य रूप से पानी और बिजली व चांवल का समस्या बताया गया। केन्द्र में 62 व्यक्ति होने के कारण पानी का अधिक समस्या होना पाया गया। इतने व्यक्तियों के लिए मात्र एक हैण्डपम्प जिसमें पीने, नहाने, शौच एवं आवश्यक उपयोग किया जाता है। अपर्याप्त पानी के कारण शौचालय से बदबू आने की बात कही गयी। हैण्डपम्प में गंदा पानी निकलने की जानकारी प्राप्त हुई। जहां इस क्षेत्र के लिए बिजली की आंख मिचौली व लो वोल्टेज के कारण अधिक परेशानी होना बताया गया। राज्य से बाहर के लोगों को 14 दिन के क़वारेंटाइन रखा गया है, जिसके लिये छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा ग्राम पंचायत को जिम्मा दिया गया है। लोगों के द्वारा यहाँ अद्धपक्का व गीला भोजन मिलने की बात कही गयी। जिम्मेदार लोगों के द्वारा रसोइया की ओर इशारा किया तो वहीं रसोइया के द्वारा संख्या अधिक होना व नया चांवल का कारण बताया गया। टीम के द्वारा विशेष रूप से पानी के सम्बंध में ग्राम पंचायत सरपंच एवं सचिव से पूछे जाने पर उन्हें पीएचई विभाग को जानकारी देने की बात कही गयी है। व वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में टैंकर की व्यवस्था करने की बात कही । मौके पर उपस्थित जिला पंचायत गरियाबंद क्षेत्र क्रमांक 10 के जिला पंचायत सदस्य धनमती यादव के द्वारा हैण्डपम्प तत्काल सुधार एवं वैकल्पिक व्यवस्था करने व खाने योग्य भोजन परोसने हेतु रसोइया को बोलने की बात कही गयी।