घर बैठे लोगों में बढ़ा डिप्रेशन, इंदौर पुलिस की डिप्रेशन हेल्प लाइन संजीवनी पर 25% तक बढ़े मरीजों के फोन कॉल्स
इंदौर : इंदौर में पुलिस विभाग के अधिकारियों द्वारा संचालित की जाने वाली संजीवनी ऐप कोरोना महामारी में आम जनता के लिए एक आयुर्वेदिक दवा के रूप में काम करती हुई नजर आ रही है खैर 2 माह में इस ऐप के माध्यम से डिप्रेशन के चलते कॉल की दरों में इजाफा हुआ है ।
इंदौर में पुलिस विभाग द्वारा संजीवनी ऐप नाम से एक सॉफ्टवेयर ऐप संचालित की जाती है जिसमें डिप्रेशन व वृद्ध या किसी भी प्रकार की समस्या होने पर सीधे शिकायत दर्ज कराई जा सकती है इस संजीवनी ऐप को आला अधिकारियों के निर्देशन पर मॉनिटरिंग किया जाता है लेकिन पिछले 2 माह से लॉक डाउन के चलते इस ऐप में घरों में बैठे आम लोगों में डिप्रेशन की समस्या बढ़ी है और उसका पूरा असर संजीवनी ऐप पर देखने को मिला है करीबन 25% लोगों के फोन इस ऐप पर दर्ज किए गए हैं और पुलिस विभाग के अधिकारियों द्वारा उनका निवारण भी किया जा रहा है खेर सालों पहले शुरू की गई ऐप कोरोना कॉल में एक आयुर्वेदिक दवा के रूप में सामने आई है इस ऐप के माध्यम से शहर के कई ऐसे लोगों की जान बचाई गई है जो कि मौत के मुंह से उन्हें वापस लाया गया है इस ऐप में अधिकारी कॉल आने पर उसकी पूरी मॉनिटरिंग करते हैं और फिर उस हितग्राही तक पहुंच कर उसे पूरी समझाई दी जाती है और उसे डिप्रेशन से बाहर निकाला जाता है इस ऐप में ऐसे कई वृद्ध जनों के भी फोन रिकॉर्ड किए जाते हैं जो कि किसी ना किसी समस्या से ग्रस्त हैं और उन्हें भी पूरा फायदा एप के माध्यम से पहुंचाया जाता है
बाईट- हरिनारायण चारी मिश्रा डीआईजी इंदौर