देपालपुर में कोटवारों के भरोसे प्रशासन जमकर नियमो की उड़ाई धज्जियां ड्यूटी पर लगे पटवारी देखते रहे तमाशा
देपालपुर-नगर में इन दिनों प्रशासन की जो कार्यवाही देखी जा रही है उस पर कहीं प्रश्नचिन्ह खड़ा होते हैं क्योंकि जिस प्रकार प्रशासन के आदेश पर काम करने वाले कोटवार देपालपुर के चमन चौराहे आम राहगीर मोटरसाइकिल चालक एवं अन्य वाहनों को रोक रहे हैं उससे ऐसा ही लगता है उसे नियमों की धज्जियां उड़ती दिखाई पड़ती है
क्योंकि पूरे लॉकडाउन के दौरान भी इतनी शक्ति नहीं हुई जितनी शक्ति सोमवार को देपालपुर में देखने को मिली हालांकि प्रशासन की कार्रवाई से लोगों को समझना नहीं लेकिन प्रशासन के आदेश पर काम करने वाले कोटवारों जिस तरह अनुशासनहीनता से नियमों को ताक पर रखकर काम करते नजर आए वह नजारा प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़ी संख्या में एकत्रित होकर कोटवारों द्वारा आम राहगीरों व मोटरसाइकिल चालू रोककर किताबिया निकाली गई तो कईयों के चालान काटे गए वही सवाल यह उठता है कि जिस तरह कोटवारों ने लोगों की गाड़ियां रॉकी उन पर झपट कर चाबी निकाली गई ऐसे में कई घटनाएं भी होते होते बची एक बाइक सवार तो बीच सड़क पर ही गिर गया वही पीछे से बड़ा वाहन भी आ गया गनीमत यह रही कि कोई घटना नहीं घटी वही कई गाड़ियों पर तो वाहन चालक महापौर हेलमेट लगाकर वाहन चला रहे थे जिनके साथ गर्भवती महिलाएं भी बैठी थी उन्हें भी रोक कर उन्हें भी परेशान किया गया वही स्थानीय प्रशासन द्वारा जिन दो पटवारियों की देखरेख में यह कार्य सौंपा गया था मौके पर इधर उधर नजर आए वही जब पूरे मामले पर मीडिया उनसे जानकारी लेने पहुंची तो मीडिया पर ही पटवारी सवालिया निशान करते रहे और मीडिया कर्मियों को ही नेतागिरी करने बात कह डाली उनसे जब पूरे मामले पर जानकारी लेने के लिए बात की गई तो उनका कहना था कि आप लोग नेतागिरी कर रहे हैं अब ऐसे में सवाल यह भी खड़ा होता है कि क्या मीडिया अब किसी अधिकारी या कर्मचारी से कोई सवाल भी ना करें अगर करते हैं तो उन्हें नेता करार दिया जाता है
वही पूरे मामले पर जब देपालपुर तहसीलदार बजरंग बहादुर सिंह से बात की गई तो उनका कहना था कि ऐसी तो कोई बात नहीं है और मैं दिखाता हूं अगर कुछ ऐसा पाया जाता है तो जांच की जाएगी
rules violation in front of patwari in depalpur