डिस्पोजेबल टॉवेल नहीं, अखबार में गोला काट कर टॉवेल की तरह इस्तेमाल कर रहें हैं इंदौर के सैलून, क्या करें, मजबूरी है, ग्राहक डिस्पोजेबल के पैसे देने को तैयार ही नहीं
संक्रमण का भय व आर्थिक तंगी
इंदौर शहर सहित पूरे देश में कोरोना महामारी के चलते पिछले 90 दिनों से लॉक डाउन चल रहा था।
जिसे स्थानीय परिस्थिती को ध्यान में रखते हुए जिलाधीश महोदय द्वारा व्यवसायिक संस्थानों, बाजारों दुकानो को खोलने की अनुमति शनै शनै दी जा रही है ।
इसी तारतम्य में सैलून हेयर कटिंग को भी दुकान खोलने की अनुमति मिली जहां पर नियमों का पालन कराया जा रहा है। कस्टमर के द्वारा साथ लाए नैपकिन और टावेल का इस्तेमाल किया जाए। यदि वह नहीं लाता है तो डिस्पोजल टावेल का उपयोग किया जाएं और दुकान का सैनिटाइज किया जाए।
सैलून संचालकों ने भी भीड़ कम सोशल डिफेंस का पालन करने के लिए अपनी दुकानों में कुर्सियां की संख्या कम कर दी हैं।
इसके अलावा हर आने वाले ग्राहक का टेंपरेचर मशीन से टेंपरेचर चेक किया जा रहा है हाथ सेनीटाइज किए जा रहे हैं। और कुर्सी पर बैठने के पहले कुर्सी को सेनीटाइज किया जाता है।
और यदि कस्टमर अपना टावेल नैपकिन नहीं लाता है तो डिस्पोजेबल टावेल नैपकिन इस्तेमाल का बताया जाता है जिसका चार्ज एक्स्ट्रा होता है।
कस्टमर ने लाक डाउन में आर्थिक संकट में इसका भी रास्ता निकाल लिया है। डिस्पोजल नैपकिन टावेल की जगह न्यूज़पेपर को गोल काटकर गले में पहन कर बैठ जाता है और कटिंग दाढ़ी करवा करवाता है।
इससे वह कोरोना के संक्रमण से अपने आप को बचा हुआ पाता है और नियमों का पालन भी हो रहा है।
जब अंदर दुकान में जगह खाली होती है तो तापमान चेक कर प्रवेश दिया जाता है ।
कोरोना संक्रमण काल में लाक डाउन से हर व्यक्ति आर्थिक परेशानी का सामना कर रहा हैं। आवक बन्द व खर्चे मे बेतहासा वृद्धि ।
जब पिछले 90 दिनों से दुकान बाजार नौकरियां सब बंद पड़ी है। हर व्यक्ति को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है।
Saloon owners in indore using news papers insted of towels