सड़क ऊंची, पटरी नीची, हो रहे हादसे
देपालपुर। प्रमुख सड़कों के निर्माण कार्य के दौरान शहर में बड़ी लापरवाही बरती गई है। सड़क की ऊंचाई बढ़ाने के बाद साइड की पटरी को नीचा ही छोड़ दिया जा रहा है, जबकि नियमों में सड़क ऊंची करने पर साइड पटरी भी ऊपर उठनी चाहिए। अब यह सिर्फ लापरवाही है या फिर निर्माण में लागत कम करने के लिए गोलमाल किया गया है।
सड़कों के निर्माण का ऐसा हाल किसी एक इलाके में नहीं, बल्कि कई प्रमुख मार्गों पर है। जहां सड़कों का निर्माण तो किया गया, लेकिन कार्यदायी संस्था की उदासीनता से साइड पटरी को ऐसे ही छोड़ दिया गया। कई जगह तो सड़कें साइड पटरी से एक फुट तक ऊंची हो रही हैं। इसकी वजह से दुपहिया वाहन चालक फिसलकर गिरने की वजह से चोटिल हो जाते हैं, तो अन्य वाहनों से भी एक्सीडेंट होने का खतरा रहता है। बेटमा नाके से केसूर रोड़ की ओर जाने वाली सड़क वर्षों से अधूरी बनाई जा रही है। उक्त सड़क की दोनों ओर की साइड पटरी ऐसे ही छोड़ी गईं हैं, जिसकी वजह से कुछ जगहों पर सड़क साइड से आठ से दस इंच तक ऊंची हो रही है। उक्त मार्ग पर वाहनों की भारी आवाजाही रहती है। ऐसे में साइड अधूरी होने की वजह से वाहन चालकों को परेशानी होती है। कई बार दुपहिया वाहन चालक फिसलकर गिर जाते हैं। प्रति मंगलवार को संभाग का बड़ा पशुहॉट लगने के कारण हैवी ट्रैफिक रहता है। मगर उक्त सड़क की साइड भी बिना बनाए छोड़ी हुई है। सड़क की एक साइड में बड़ा नाला भी है, जिसकी दीवार नहीं होने की वजह से वाहनों के सड़क से फिसलकर नाले में गिरने का भी खतरा रहता है। तहसील रोड़ की भी दोनों साइड बिना बनाए छोड़ी गई हैं। यहां भी साइड और सड़क की ऊंचाई में कई जगहों पर आठ इंच तक का अंतर है। जिनकी वजह से राहगीरों खासकर दुपहिया वाहन चालकों को परेशानी हो रही है।
इनका कहना है:-
एमपीआरडीसी के ठेकेदार द्वारा नई सड़क बनाई जाना हैं। मैं एमपीआरडीसी के प्रबंधक लालचंद कुरेहिया को बोलकर सड़क के आसपास की साइट ठीक करवाता हूँ।
बजरंग बहादुर सिंह तहसीलदार देपालपुर
मैंने इंजीनियर – ठेकेदार को बोल दिया है कि बेटमा नाके से लगाकर 24 अवतार मंदिर पहुंच मार्ग तक की साइट भरवाता हूं।
लालचंद कुरेहिया, प्रबंधक, एमपीआरडीसी
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