एमजीएम मेडिकल कॉलेज लैब की क्षमता बढ़ी, अब रोज़ाना 2,000 टेस्ट किए जा सकेंगे, सांसद शंकर लालवानी ने सीएसआर फंड से की मदद
कोरोना के खिलाफ जारी जंग में इंदौर को और मज़बूती मिली है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब को अपग्रेड किया गया है। फिलहाल यहां पर 6 बायोसेफ्टी कैबिनेट सक्रिय है जिसे बढ़ाकर 10 किया जा रहा है।
ये सेफ्टी कैबिनेट अंदर काम करने वाले वैज्ञानिकों के लिए एयर फ़िल्टर करते है और संक्रमित होने से बचाते हैं। इससे वायरोलॉजी लैब की सैंपल टेस्टिंग की क्षमता में निर्णायक वृद्धि हुई है तथा साथ ही कोविड जांच के नतीजे भी तेजी से मिल पाएंगे। इस सॉफ्टवेयर से मानवीय गलतियों को कम करने में भी बहुत मदद मिलेगी।
इन नए सेफ्टी कैबिनेट को सांसद शंकर लालवानी ने सीएसआर फंड से दिलवाया है। सांसद लालवानी का कहना है कि ‘हम लगातार इंदौर की टेस्टिंग क्षमता को बढाने के लिए प्रयासरत है और कुछ कंपनियों ने अपने सीएसआर फंड से समाजहित में काम करने की रुचि दिखाई थी और हमने उनसे ये मशीनें मेडिकल कॉलेज को देने के लिए आग्रह किया था।’
सांसद ने कहा कि शुरुआत में मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन सिर्फ 40 टेस्ट हो सकते थे और आज इसकी क्षमता बढ़कर 2,000 से ज़्यादा प्रतिदिन हो चुकी है। आने वाले वक्त में इसे बढ़ाकर 6,000 टेस्ट प्रतिदिन किया जाएगा।
संभागायुक्त पवन शर्मा ने कहा कि कोरोना ने ज़िंदगी बदलकर रख दी है और डॉक्टर्स के कारण ही इंदौर आज बेहतर स्थिति में है। क्योंकि मशीनें खरीदना आसान है लेकिन उन्हें चलाने के लिए स्किल डेवलप करना मुश्किल है। इतने कम समय में 40 टेस्ट से 2,000 टेस्ट प्रतिदिन तक पहुंचना बड़ी उपलब्धि है।
डीन डॉ ज्योति बिंदल ने कहा कि उन्होंने सांसद शंकर लालवानी से कहा था कि सेफ्टी कैबिनेट की ज़रुरत है और सिर्फ 24 घंटे में सांसद जी ने किसी को कहकर इन मशीनों को खरीदने के लिए सीएसआर फंड से व्यवस्था करवा दी।
इन मशीनों और सॉफ्टवेयर का लोकार्पण सांसद शंकर लालवानी ने किया। इस मौके पर इंदौर के संभागायुक्त पवन शर्मा भी मौजूद थे। कार्यक्रम की शुरुआत में मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ ज्योति बिंदल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और मेडिकल कॉलेज की अभी तक की यात्रा के बारे में बताया।
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