तालाब निर्माण के नाम पर सवा करोड़ का घोटाला, तालाब पूरे बने ही नहीं और राशि साफ, आरटीआई कार्यकर्ता सुनील कुमार सावंत ने किया खुलासा
धार – मध्य प्रदेश के धार जिले में आरटीआई कार्यकर्ता सुनील कुमार सावंत ने आरटीआई द्वारा निकाली गई जानकारी में चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा किया गया, सावंत ने बताया कि किस तरह सरदारपुर विकासखण्ड में ग्रामीण यांत्री की विकास के अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयत्रियों अधिकारियों द्वारा सोची समझी कूटनीति के तहत शासन प्रशासन को मनरेगा योजना में तालाबों के निर्माण में लाखों रूपयों का भ्रष्टाचार किया जा रहा है। साथ ही शासन की स्वीकृत माप पुस्तिकी अनुसार निर्माण कार्य नहीं किया जा रहा है, कहीं पिचिंग कार्य अधूरा है तो कहीं पर काली मिट्टी व पिचिंग पत्थर का उपयोग सही नहीं किया जा रहा है। साथ ही तालाबों पर कार्यरत मजदूरों को भुगतान नहीं किया जा रहा है।
1. ग्राम पंचायत सिंदुकुरिया के ग्राम सिन्दुरिया के बारामासी तालाब, लागत 49.74 लाख है, जिसमें शासन की स्वीकृति माप पुत्तिका अनुसार पिचिंग का कार्य पक्के पत्थरों 22- 28 से.मी. में किया जाना है। परंतु भष्टचार में लिप्त उपयंत्री द्वारा उक्त तालाब में हरे गहरे कच्ची मुरम के पत्थरों से पिचिंग कार्य किया जा रहा है, जो कि धीरे-धीरे एक से दो वर्षो में अपने आप बिखर जावेगें । (सबूत समक्ष है। ) (2019-2020)
2. ग्राम पंचायत सिन्दुरिया के ग्राम सिन्दुरिया के वाहेला वाला नाला तालाब, लागत 48.21 लाख उक्त तालाब में शासन की स्वीकृत माप पुस्तिका अनुसार वेस्ट वियर निर्माण 7-8 फीट ऊँनई पर किया जाना है ताकि ताला का पानी संग्रहित हो सके । परंतु संबंधित अधिकारियों द्वारा वेस्ट वियर का निर्माण कार्य जमीन स्तर से मात्र 1-2 फीट पर किया गया है, जिससे तालाब का पानी वर्तमान में बह रहा है साथ भविष्य में भी तालाब का सम्पूर्ण पानी बह जावेगा और तालाब पानी संग्रहित नहीं होगा। (2019-2020)
3. ग्राम पंचायत पटोलिया के ग्राम पटोलिया के ऊंटवाला नाला उक्त तालाब में निर्माण कार्य साथ ही माप पुस्तिका अनुसार निर्माण कार्य नहीं किया जा रहा है । साथ ही निर्माण कार्य से अधिक राशि आहरण की है? (2019-2020)
4. ग्रम पंचायत राजोद के ग्राम राजोद के अम्बावाना नाला जिसकी लागत 29.99 लाख रूपये है । जिसमें पिचिंग कार्य एवं वेस्ट वियर का कार्य शेष है। उक्त तालाब में भ्रष्टाचार में लिप्त भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा निर्माण कार्य से अधिक राशि आहरण की गई है। साथ ही माप पुस्तिका अनुसार निर्माण कार्य नहीं किया जा रहा है। (वर्ष 2018-2019)
सावंत के द्वारा किया गया खुलासा अपने आप में भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा मामला है जिस की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए अथवा दोषी अधिकारियों पर तुरंत प्रभाव से कार्यवाही की जानी चाहिए
scam of more than 1 crore in the name of pond construction