15 अगस्त पर इंदौर सेंट्रल जेल से रिहा हुए 26 कैदी, बोले क्षणिक गुस्से की वजह से पूरी जिंदगी जेल में काटी, अब परिवार के साथ सुकून से बताएंगे बाकी का जीवन
इंदौर – इंदौर में स्वतंत्रता दिवस बड़ी ही धूमधाम से जेल परिसर में झंडा वंदन मनाया जाता था परंतु कोरोना को देखते हुए इस साल स्वतंत्रता दिवस पर भी जेल की खुशियों पर मार साफ दिख रही थी कोरोना को देखते हुए कैदियों को सोश्यल डिस्टेंसिंग का पालन कराया गया वही हर वर्ष की तरह इस बर्ष भी करीब 26 केदियो को रिहाई दी गई। ये वो कैदी है जिन्होंने हत्या व जघन्य अपराधों को अंजाम दिया था। जो कि कोई बीस वर्षों से सजा काट रहे थे तो कोई कैदी बाईस वर्षों से सजा काट रहे थे वहीं सजा काटने के बाद कैदियों ने अपराध से तौबा कर ली
तस्वीरों में नजर आ रहै ये वो कैदी है जिन्होंने कई हत्याओं व वारदातों को अंजाम दिया था। जो कई वर्षों से अपने पापों की सजा जेल में भुगत रहे थे लेकिन आज इनके चहरे पर रिहा होने की खुशी साफ झलक रही थी।
बाइट – रईस खान , कैदी
दरअसल शासन के परिपत्र अनुसार इस वर्ष 26 केदियो को चिन्हित किया गया था जिनकी स्वतंत्रता दिवस पर रिहाई होनी थी आज इन केदियो को इनकी अच्छे चाल चलन के कारण केंद्रीय जेल से रिहा किया गया जेल अधीक्षक के अनुसार ट्रेनिंग भी दी गई जिससे वह बाहर निकल कर कोई कैदी किसान बनेगा तो कोई कैदी मजदूरी कर अपना जीवन बिताएगा वही जेल से एक कैदी ऐसा भी था जिसको जेल के अंदर से ही ड्राइवर की नौकरी मिल गई
बाइट -मुन्ना रामचंद्र, ड्राइवर कैदी
बाईट – राकेश भांगरे , जेल अधीक्षक
26 prisoners released from Indore Central Jail on 15 August