कुछ नहीं निकलने दिया हनी ट्रैप कांड में जबकि इंदौर के पूर्व कलेक्टर इस गैंग के साथ मिलकर अपने सीनियर्स को लड़कियां सप्लाई करते थे, पूर्व चीफ़ सेकेट्री से लेकर वरिष्ठ आईपीएस तक के काले कारनामे थे इस कांड में – मीडिया से बोले याचिकर्ता के वकील, उनका ये पूरा बयान देख उड़ जाएंगे होश
प्रदेश की सियासत में भुचाल लाने वाले हनीट्रैप मामले में दायर सभी याचिकाओं पर इंदौर हाइकोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। फिलहाल,कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है वहीं,एक हफ्ते में फैसला आने की संभावना है।सभी दायर याचिका का मुख्य उद्देश्य निष्पक्ष जांच और सीबीआई को हनीट्रैप मामला सौपे जाने को लेकर है।क्योंकि मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी की लगातार लापरवाही सामने आ रही थी।
बहुचर्चित हनीट्रैप मामले में दायर सभी याचिकाओं पर मंगलवार को हाइकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में सुनवाई पूरी हो चुकी है। खंडपीठ ने फिलहाल,फैसला सुरक्षित रख लिया है,वहीं आगामी एक हफ्ते में कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है।हनीट्रैप मामले में कुछ 6 याचिका दायर की गई थी।इनमें से चार जनहित याचिका है, वहीं,दो याचिकाओं में एक आरोपी श्वेता पति विजय जैन की और से तो दूसरी आयकर विभाग की तरफ दायर की गई है। चार जनहित याचिकाओं की बात की जाए तो सबसे पहली जनहित याचिका दिग्गविजय सिंह भंडारी ने लगाई थी।इस याचिका के जरिए मांग की थी कि इस मामले के शिकायत कर्ता निगम इंजीनियर हरभजन सिंह को भी आरोपी बनाया जाए वहीं,हनीट्रैप मामले में गठित एसआईटी भी आरोपी पक्ष को बचाना चाहती है।लिहाजा पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौपी जाए।इस तरह से दूसरी याचिका शिरीष मिश्रा की है इस याचिका में भी हनीट्रैप की मामले की निष्पक्ष जांच के लिए कहा गया है।इसी तरह से अन्य याचिका कर्ता धर्मेंद्र चेलावत ने भी इसी तरह की मांग है।इसके अलावा चौथी याचिका आरोपी बरखा सोनी की और लगाई गई है।इस याचिका में बरखा सोनी की गिरफ्तारी को गलत बताया गया है साथ ही पूरे मामले की सही जांच हो ।
बाइट – मनोहर दलाल,याचिकाकर्ता के वकील
अब तक हनीट्रैप मामले में हाइकोर्ट बार बार एसआईटी को फटकार लगा चुका है।वहीं,हाइकोर्ट के निर्देश पर ही एसआईटी ने गोपनीय रिपोर्ट हाइकोर्ट में दाखिल कर दी है।इसके अलावा सीबीआई भी हाइकोर्ट के निर्देश पर जांच के लिए पूरे मामले की जांच के लिए सहमती जता चुकी है। अब हाइकोर्ट के फैसले के बाद ही ,स्पष्ट हो पाएगा की हनीट्रैप मामले की जांच सीबीआई को सौपी जाती है या नहीं।
Hearing completed in the Indore High Court on all the petitions filed in the honeytrap case