सोयाबीन की फसलों पर कीड़ों के हमले से बचे कुछ एक किसान भी टूट रहे , सरकार से मदद की उम्मीद, देपालपुर से खास रिपोर्ट
देपालपुर-बीमारी के चलते सोयाबीन के पत्ते पीले पड़ गए और फसल ख़त्म होने की कगार पर आ गई है। पौधों पर से फलियां तक झड़ गई है मालवा के अधिकांश गांवों में इस साल सोयाबीन फसल पर कीटों का प्रकोप है। सफेद मक्खियां पत्तों का रस चूस रही हैं तो तनाछेदक मक्खियां तने को खोखला कर रही हैं। इससे पकने से पहले ही पत्ते पीले पड़ रहे हैं और पौधे सूख रहे हैं। इस समस्या से परेशान किसानों ने कहा है कि यह लगातार दूसरा साल है जब सोयाबीन की फसल खराब हो रही है। शासन और प्रशासन ने मदद नहीं की तो किसान बर्बाद हो जाएंगे।
किसान संघ के तहसील उपाध्यक्ष हंसराज नागर ने बताया कि करीब 15 दिन पहले फसल पर यह प्रकोप शुरू हुआ है हमने शासन से सर्वे करवा कर मुआवजा किसानों को देने की मांग की है। सोयाबीन फसल 75-80 दिन में पक जाती है और 90 से 100 दिन में यह कट जाती है। इस साल फसल 65 से लेकर 80 दिन की हो चुकी है, लेकिन कई जगह अब तब ठीक से फलियां भी नहीं बन पाईं। किसान भरत परिहार और अन्य किसानों ने खराब फसल का सर्वे करवाकर मुआवजा दिलाने की मांग रखी।
तहसीलदार बजरंगबहादुरसिंह ने बताया कि कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ पटवारी को भेज के निरीक्षण करवाएंगे।
Outbreak of pests on soyabean crop in most villages of Malwa this year