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Madhya Pradeshइंदौर

स्ट्रेचर पर पड़े लावारिस शव कंकाल, आधे शव पर सैंकड़ों कीड़े , प्रदेश के सबसे बड़े एम वाई अस्पताल को मोर्चरी की हाल, सवाल – नियमानुसार तीन दिन बाद लावारिस शव को पुलिस और एनजीओ की सहायता से जला दिया जाता है तो फिर कैसे यह शव महीनों तक अस्पताल की मोर्चरी में सड़ता गया और कंकाल हो गया?

इंदौर – मिनी मुंबई कहे जाने वाले शहर इंदौर में स्ट्रेचर पर लेटा एक शव महीनों से कर रहा अपने अंतिम संस्कार का कर रहा इंतजार

जी हां सुनने में यह एक अजीब सा लग रहा होगा पर यह एक ऐसी हकीकत है जहाँ प्रदेश के सबसे बड़े एम वाय अस्पताल की मरच्यूरी रूम में महीनों से स्ट्रेचर पर रखा एक शव अपने अंतिम संस्कार का इंतजार करते-करते कंकाल बन गया

दरअसल मानवता को शर्मसार करती यह तस्वीर दिल को झंझोड देती है वही प्रदेश के सबसे बड़े एमवाय अस्पताल अपनी लापरवाही के चलते हमेशा सुर्खियों में बना रहता है वही दिल को झकझोर देने वाली यह तस्वीर एम वाय अस्पताल के मरच्यूरी रूम की है जहाँ शव स्ट्रेचर पर रखे रखे कंकाल बन गया जहाँ जिम्मेदार अधिकारियों पर अब यह सवालिया खड़े करता है कि आखिर इतनी बड़ी चुक कैसे हो गई कि एक शव महीना तक मरच्यूरी रूम में पड़े पड़े स्ट्रेचर पर कंकाल हो गया किसी जिम्मेदार अधिकारी को इस बात की भनक भी नही लगी औऱ अगर इस बात की शिकायतें की गई तो तो क्यों इस मामले में संज्ञान तक नही लिया गया

अब सवाल यह भी खड़े होते हैं कि अगर कोई अज्ञात शव अगर पुलिस बरामद करती है तो पोस्टमार्टम के लिए उसे एमवाय अस्पताल की मरच्यूरी रूम में भेजा जाता है शव के पोस्टमार्टम के बाद 3 दिनों तक अगर उसकी शिनाख्त नहीं होती है तो नगर निगम और एनजीओ के माध्यम से उसका अंतिम संस्कार किया जाता है पर इस शव के कंकाल होने पर भी अब तक तो ना इसका पोस्टमार्टम हो पाया और ना ही पुलिस विभाग द्वारा इस पर कोई संज्ञान लिया गया वहीं अस्पताल में जिम्मेदारों की बात करें तो शव बुरी तरह खराब होते होते बदबू मारने लगा कई बार कर्मचारियों द्वारा इस शव को लेकर शिकायतें भी की गई लेकिन अब तक जिम्मेदार अधिकारियों ने इस पर संज्ञान भी नहीं लिया

अब बात करें कि आखिर इस पूरे मामले का जिम्मेदार कौन जहाँ शव को स्टेचर पर रखे रखे महीनों बीत गए और किसी को इसकी जानकारी तक नही लगी कोविड-19 के तहत जहां प्रशासन द्वारा गाइडलाइन के तहत हॉस्पिटल और अन्य संस्थानों को रोजाना सेनीटाइजर भी करना है लेकिन वही मरचूरी रूम में रोजाना आने वाली कोरोना संक्रमण के शव को रखा जाता है लेकिन बदहाल हुई मर चुरी रूम में ना तो सैनिटाइजर का उपयोग किया जा रहा है वही मरच्यूरी रूम की देखरेख या मेंटेनेंस के कार्य के लिए कोई जिम्मेदार अधिकारी है कहने को तो यहाँ 16 फ्रीजर शवों को रखने के लिए मौजूद है लेकिन अधिकांश फ्रीजर बंद होने के कारण कई शव बाहर ही रखें रखे बदबू मारने लगते हैं मानवता को छिछोड देने वाली यह तस्वीर से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिम्मेदार अधिकारी अपना फर्ज किस तरह निभा रहे हैं एम वाई हॉस्पिटल से दो सौ कदम की दूरी पर बने मरच्यूरी रूम के बाहर स्टेट लाइट बंद है जिसके कारण अंधेरा होने से अधिकांश बार स्ट्रेचर पर शवों रखते समय कई बार शव स्ट्रेचर से नीचे गिर चुके हैं

आखिर सवाल यह भी खड़ा होता है कि रोजाना पोस्टमार्टम के लिए 20 से 25 और उससे अधिक शवों को रोजाना मरचुरी रूम में लाया जाता है पुलिस हॉस्पिटल स्टाफ पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर सहित तमाम लोग वहां मौजूद होते हैं लेकिन यह शव आखिर आंखों से इन अधिकारियों के कैसे ओझल हो गया आखिर इस शौक को कौन यहां लाया था क्या पुलिस ने अज्ञात शव को पोस्टमार्टम के लिए यहां भिजवाया है या फिर कोई परिजन घायल अवस्था में लाने के बाद एम वाय में हुई मृत्यु के बाद शव को यहां छोड़ गए क्यों आखिर एम बाइक के जिम्मेदारों ने इसकी जानकारी पुलिस तक नहीं दी ऐसे तमाम सवाल है जो हॉस्पिटल की बड़ी लापरवाही पर सवाल उठाते हैं अब क्या इन जिम्मेदारों पर प्रशासन अपनी नकेल कसेगा या फिर वह हमेशा की तरह कागजी कार्यवाही कर जांच के नाम पर अनदेखी करते हुए इन जिम्मेदारों को ऐसे ही छोड़ देगा

a dead body is on strecher from months in MY hospital mortuary room

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