बाड़मेर में गडरारोड़ क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में अफसर व कर्मचारियों की मिली भगत से मनरेगा की सड़कों के निर्माण में गड़बड़
राजस्थान के बाड़मेर के गडरारोड़ क्षेत्र की ग्राम पंचायत की मनरेगा योजना में अफसर और कर्मचारियों ने मिलकर सड़क निर्माण में गड़बड़ी की है। पंचायत समिति स्तर पर विकास कार्यों की मॉनिटरिंग की सबसे बड़ी जिम्मेदारी विकास अधिकारी की होती है। बताया जा रहा है कि मनरेगा योजना से सालाना 500 करोड़ रुपए का बजट खर्च होता है। इसका 200 करोड़ रुपए सिर्फ ग्रेवल सड़क पर खर्च होता है ।मनरेगा योजना में बन रही सड़क का हकीकत सामने आया कि सड़कों के निर्माण के लिए श्रमिकों के नाम दर्ज है पर श्रमिकों से काम नहीं कराया जा रहा है। उनकी जगह जेसीबी व टेक्ट्ररों ने काम किया है। इस भ्रष्टाचार में सरपंच,ग्रमसेवक,व विकास अधिकारी शामिल है जो काम 20 दिन में हो होता है यह काम 4,व 5 दिन में ही हो जाता है। सभी अधिकारी मिल कर श्रमिकों से काम ना करा कर मशीन से काम कराया जा रहा है। जो पैसा श्रमिकों के लिए आता है उसे खुद रख रहे है। गडरारोड़ की ग्राम पंचायत राणासर में मनरेगा कार्यों में जम कर धांधली चल रही है। जिन सड़कों कि लागत 14 लाख है वहां 2 लाख में ही काम तैयार किया जा रहा है। जिस जेटिए को मैनेजमेंट तैयार करना होता है उसे हर रोज 15 दिन बाद मौके पर का कर काम करना होता है पर वह ऑफिस में ही मैनेजमेंट तैयार कर देता है। मनरेगा के कामों में ऐसे ही गड़बड़ियों का खेल चलता रहता है।
There was a mess in the construction of Manrega roads due to the devotion of officers and employees in the village panchayats of Gadarod area in Barmer