जबलपुर रेल मंडल ने नौकरी के वादे पर ली किसानों की जमीन , अब नौकरी देने की बारी आई तो साधी चुप्पी
जबलपुर रेल मंडल ने रेल परियोजना का विस्तार करने के लिए इस वादे के साथ किसानों की जमीन ले ली कि उन्हें या उनके परिवार के एक सदस्य को रेलवे में नौकरी दी जाएगी। जिसके चलते नौकरी की उम्मीद में किसानों ने अपनी जमीन तो दे दी लेकिन, जब नौकरी के लिए उनके बच्चों ने आवेदन किया तो उनकी आयु नौकरी के लिए कम है। जिसके बाद उम्मीदवारों ने 18 के होने पर दोबारा आवेदन किया है जिस पर नौकरी के लिए योग्य मानने के लिए पश्चिम मध्य रेलवे के महाप्रबंधक शैलेंद्र सिंह की स्वीकृति मांगी है। जबलपुर रेल मंडल ने ऐसे करीबन 150 प्रकरण महाप्रबंधक की स्वीकृति के लिए भेजे जा रही है ताकि स्वीकृति मिलने के बाद नौकरी देने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके। ऐसा जानकार बताते हैं कि स्वीकृति की प्रक्रिया लंबी है और जिससे उम्मीदवारों का नौकरी के लिए इंतजार और लंबा होगा चुंकि पहले सभी प्रकरण जोन कार्यालय के पर्सनल विभाग को होते हुए, अधिकारियों की सहमति के बाद, उप महाप्रबंधक के पास, फिर महाप्रबंधक के सचिव के पास फाइल जाएगी, इसके बाद ही महाप्रबंधक इस पर अपनी सहमति देंगे। इसमें तकरीबन दो माह का समय लगेगा। हालांकि यदि यह अधिकार डीआरएम को दे दिए जाते हैं तो प्रक्रिया आसान और छोटी हो जाएगी।
Jabalpur Railway Division took farmers’ land on the promise of jobs and goes silence at time of job