पाकिस्तान से लाई गीता अचनाक इसलिए पहुंची इंदौर रेल्वे स्टेशन, अपने गांव के बारे में ये बताया।
इंदौर – पाकिस्तान से लाई गई मूक बधिर गीता को अब तक अपने परिवार वाले नही मिले है। लेकिन अब गीता जब से स्कीम नम्बर 71 के संगठन को छोड़कर विजयनगर स्थित आनंद मूक बधिर संस्था में पहुंची है तब से ही कुछ नई जानकारिया गीता से मिल रही है। आज गीता इंदौर रेल्वे स्टेशन पहुंची जहां गीता से साइन लैंगुएज एक्सपर्ट ज्ञानेंद्र पुरोहित और मोनिका पुरोहित ने कई बातें की। सांकेतिक भाषा के जरिये गीता ने बताया कि उसके गांव के पास एक छोटा रेल्वे स्टेशन था जहां पटरियों के आस पास कोयले बिखरे रहते थे वही वो जिस परिवार में रहती थी वहां माता पिता के अलावा वो पांच भाई बहन थे। वही गीता ने इशारों में बताया कि उसके गांव में एक मंदिर था और पास में ही एक अस्पताल भी था। यही नही खाने में चावल सहित उन व्यंजनों का जिक्र गीता ने किया है जो इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि गीता का दक्षिण भारत के किसी गांव से कनेक्शन है। आनंद मूक बधिर संस्था के ज्ञानेंद्र पुरोहित और मोनिका पुरोहित ने बताया की वो पुलिस के साथ मिलकर तेजी से गीता के परिजनों की तलाश में जुटे है और गीता द्वारा बताए गए तथ्यों के आधार पर लग रहा है कि गीता साउथ छत्तीसगढ़ से लगे हुए आंध्रप्रदेश की हो सकती है या फिर साउथ महाराष्ट्र के उस क्षेत्र से हो सकती है जो तेलंगाना से सटा हुआ है। फिलहाल, एक बार फिर गीता के परिजनों को ढूंढने के लेकर पुलिस और सामाजिक संगठन तेजी से जुटे हुए है और इस बार माना जा रहा है गीता की तलाश पूरी हो सकती हैं।
बाइट ज्ञानेंद्र पुरोहित आनंद मुखबधिर संस्थान
Geeta reached at railway station suddenly for giving some clue about her village