मोहन भागवत ने चीन की विस्तारवादी नीति पर बिफरे, भारत को कोई भी देश हल्के मे ना ले
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने विजयादशमी के अवसर पर चीन के विस्तारवाद नीति को आड़े हाथ लिया। भागवत ने कहा कि चीन के साम्राज्यवादी नीति पर भारत ने कड़ा रुख अपनाया है। चीन हमारे सद्भावना को कमजोरी ना समझे। भारत किसी भी दुश्मन देश के खिलाफ तन कर खड़ा हुआ है।
मोहन भागवत ने राम मंदिर पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद सारे देश ने सभी वर्गों के लोग ने एकता का परिचय देते हुए, उसे स्वीकार किया। हालांकि कोरोना महामारी के कारण केवल 50 लोग मौजूद थे। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से होने वाले नुकसान अन्य देशों के तुलना मे भारत में कम है। उन्होंने मजदूरों को जो लॉकडाउन के दौरान गांव चले गए थे, उसे गांव में रोजगार उपलब्ध कराने की बात कही। भागवत ने कहा कि भारत मे सिर्फ हिंदू रहेगा, ऐसा नहीं है। हमें द्वेष सिखाने वाले से बचना होगा। कुछ लोग भारत के टुकड़े करना चाहते है | वे लोग संविधान के रखवाले बताकर देश की एकता और अखंडता को तोड़ना चाहते हैं। हमें किसी के बहकावे में नही आना है। उन्होंने श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश और नेपाल पड़ोसी देशों से मित्रता बढ़ाने को कहा। उनके साथ जो भी मतभेद है | उसे तुरंत सुलझा कर। अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करना होगा।