सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री राजेश यादव ने सड़क विकास परियोजना के लिए वन्य भूमि के डायवर्जन के प्रस्तावों को स्वीकृत कर शीघ्र अनुमति प्रदान करने के निर्देश दिए।
श्री यादव सोमवार को पीडब्ल्यूडी मुख्यालय निर्माण भवन में आयोजित समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। श्री यादव ने बैठक में पीपीपी , प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना , राष्ट्रीय राजमार्ग राजस्थान रोड सेक्टर आधुनिकरण परियोजना , केंद्रीय सड़क निधि तथा अन्य सड़क विकास की करीब 2408 करोड रुपए की लागत की प्रगति परियोजना के वन्य भूमि डायवर्जन के प्रस्ताव सहित कुल 63 प्रकरणों की समीक्षा की।
श्री यादव ने कहा कि डायवर्जन कि जिन प्रस्तावों को वन विभाग से वापस लिया जाना है उन्हें ऑनलाइन अपलोड किया जाए, उन्होंने कहा कि संबंधित d.f.o. की रिपोर्ट भी साथ ही अपलोड की जाए ताकि प्रस्ताव वापस लेने की स्वीकृति समय पर मिल सके।
साथ ही श्री राजेश यादव ने निर्देश दिए कि वन्य भूमि डायवर्जन के प्रकरणों के समय से निस्तांतरण के लिए कोटा और उदयपुर संभाग के वन बहुल क्षेत्र होने के कारण इन संभागों के डीएफओ तथा अधीक्षण अभियंता को संयुक्त प्रशिक्षण दिया जाए ताकि डायवर्जन के लंबित प्रकरणों का समय पर निस्तारण हो सके।
श्री यादव ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कोटा तथा उदयपुर के मुख्य वन संरक्षक के स्तर पर किया जाए, उन्होंने यह प्रशिक्षण 15 फरवरी तक पूर्ण करवाने के निर्देश दिए।
श्री यादव ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए की सड़क विकास परियोजनाओं के अंतर्गत वन क्षेत्र विकसित करने के लिए वन विभाग को दी जाने वाली धनराशि से किए गए पौधारोपण एवं वृक्षारोपण की जानकारी सार्वजनिक निर्माण विभाग के साथ भी नियमित रूप से साझा की जाए।
इस बैठक में राजेश यादव के साथ पीडब्ल्यूडी के सचिव श्री चिन्न हरी मीणा, मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त सचिव श्री संजीव माथुर, मुख्य अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग श्री डीआर मेघवाल , मुख्य अभियंता पीएमजीएसवाई श्री सुबोध मलिक सहित वन विभाग एवं सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
- आपको बता दें कि जब से श्री राजेश यादव ने पीडब्ल्यूडी का कार्यभार संभाला है उनका पूरा ध्यान प्रदेश की सड़कों पर केंद्रित है और उनका पूरा प्रयास है कि प्रदेश में सड़कों से संबंधित जुड़े सभी काम समय पर पूरा हो सके ताकि प्रदेश का विकास तेजी से हो।