मुख्यमंत्री ने बड़वानी में नागलवाड़ी माइक्रों उद्वहन सिंचाई योजना का भूमिपूजन किया
मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने मंगलवार को बड़वानी जिले के नागलवाड़ी में खरगोन-बड़वानी के 116 गांवों को सिंचित व पेयजल की आपूर्ति करने वाली 1173 करोड़ की लागत वाली नागलवाड़ी माइक्रों उद्वहन सिंचाई योजना का भूमिपूजन किया। इस योजना से खरगोन के 70 और बड़वानी के 46 गांवों की 47 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने बड़वानी में पाटी-बोकराटा-खेतिया के 36.46 किमी मार्ग के उन्नयन का भी भूमिपूजन किया। यह मार्ग 96.97 करोड़ रूपए की लागत से बनेगा। साथ ही उन्होंने खरगोन-बड़वानी मार्ग पर 10 उच्च स्तरीय पूल का भी भूमिपूजन किया। इसकी लागत 1492.21 लाख रूपए है। वही बालसमुद-ओझर-नागलवाड़ी के 13.20 किमी लंबे व 31.27 करोड़ की लागत के मार्गों का भी भूमिपूजन किया।
कार्यक्रम में नर्मदा घाटी विकास व पर्यटन मंत्री श्री सुरेंद्रसिंह बघेल की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। इस दौरान प्रदेश के गृह, जेल एवं तकनीकी मंत्री श्री बाला बच्चन, कृषि मंत्री श्री सचिन यादव, संस्कृति मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ उपस्थित रहें। कार्यक्रम में बड़वानी जिलें के विधायकों में श्री ग्यारसीलाल रावत, श्रीमती चंद्रभागा किराडे, खरगोन विधायकों में रवि जोषी, झुमा सोंलकी, केदार डावर, सचिन बिरला, बड़वानी जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती लतादेवी रावत, बड़वानी नपा अध्यक्ष लक्ष्मण चौहान, इंदौर कमिश्नर श्री आकाश त्रिपाठी, डीआईजी श्री एमएस वर्मा, खरगोन कलेक्टर श्री गोपालचंद्र डाड, बड़वानी कलेक्टर श्री अमित तोमर, खरगोन पुलिस अधीक्षक श्री सुनील पांडेय, बड़वानी पुलिस अधीक्षक श्रीमती यांगचेन डोलकर भूटिया, एनवीडीए के कार्यपालन यंत्री श्री सीबी ट्टवाल सहित अन्य अधिकारी व जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
प्रदेश के नौजवानों के लिए निवेष के प्रयास
मुख्यमंत्री श्री नाथ ने कार्यक्रम में हजारों की संख्या में उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि चाहे बिजली की बात हो, कर्ज की, पेंशन की या सामुहिक विवाह की। शासन ने 7 दिनों में नीति और नियत का परिचय दिया है। शासन ने सतत् किसानों और युवाओं के विकास के अब तक कार्य किए है। माईक्रों सिंचाई योजना 3 वर्ष में बनकर तैयार हो जाएगी, लेकिन इससे किसानों को पूरा-पूरा लाभ तो तब मिलेगा, जब उन्हें उनके उत्पादन का सही दाम प्राप्त होगा। हम किसानों को अब कर्ज में नहीं डूबने देंगे। इसके लिए मप्र में विकास के नए बाजार नजर आएंगे। मप्र में कृषि क्षेत्र सबसे बड़ी चुनौती है। यहां 70 प्रतिशत लोग कृषि से जुड़े है। इनकी भूमि के लिए पर्याप्त पानी के साथ-साथ उत्पादकता का वास्तविक दाम भी दिलाना होगा।
नौजवान अपने भविष्य के लिए चाहता है व्यवसाय
नौजवानों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री नाथ ने कहा कि नौजवान अपने भविष्य के लिए व्यवसाय चाहता है। नौजवान ही मप्र का निर्माण करेंगे। भटकते हुए युवाओं के तड़प की पूर्ति उन्हें रोजगार देकर पूरी की जाएगी। युवाओं में जोष ही नहीं, ज्ञान भी है। आज का नौजवान कोई ठेका नहीं चाहता है, वह काम चाहता है। यह सब प्रदेश में निवेष से होगा और निवेश के लिए शासन आगे बढ़ रही है। प्रदेश का नया नक्षा बनाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे है। मुख्यमंत्री श्री नाथ ने मंच से राजपुर और सेंधवा तहसील के किसानों को सांकेतिक रूप से ऋण मुक्ति के प्रमाण पत्र और सम्मान पत्र भी वितरित किए। शेष किसानों को उनकी तहसीलों में ऋण मुक्ति पत्र और सम्मान पत्र प्रदान किए जाएंगे।
शिखर धाम पहुंचने के लिए धुल और दचके से नहीं गुजरना होगा
मुख्यमंत्री श्री नाथ ने अपने संबोधन में कहा कि नागलवाड़ी के लोक देवता भीलट देव के दर्षनों के लिए अब धुल और दचके नहीं खाने पड़ेंगे। मैं घोषणा नहीं कर रहा हूँ, लेकिन अगली बार जब आऊंगा, तो शिखर धाम तक पक्की सड़क होगी, जिससे भीलट देव के दर्षन करने में और आसानी व सुविधा होगी। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण व पर्यटन मंत्री श्री बघेल ने अपने संबोधन में नागलवाड़ी को पर्यटन क्षेत्र बनाने की घोषणा की।