इंदौर के यश मेटरनिटी से बच्चा चोरी करवा अपना बताने वाले दोनों फर्जी मां बाप दंपत्तियों का डीएनए टेस्ट फेल, इंदौर एसटीएफ को जन्म प्रमाण पत्र और निगम का बर्थ सर्टिफिकेट दिखा कर रहे थे गुमराह
बाईट – मनीष खत्री – एएसपी – एसटीएफ
अस्पताल से बच्चा चुराकर बेचने वाले मामले में एसटीएफ ने बच्चों को लेने वाले दंपत्ति से उनका डीएनए मैच करवाया जिससे ये साफ हो गए है बच्चे उनके नही है और न ही वे बच्चों के असली माता-पिता हैं ।
दरअलस एसटीएफ ने लिखित शिकायत पर कार्रवाई करते हुए शहर के स्कीम नंबर 51 के यश मेटरनिटी हॉस्पिटल में काम करने वाली लीलाबाई को गिरफ्तार किया था, जिससे पूछताछ में पता चला था कि देवास के रहने वाले पुष्पा और प्रभु दयाल और ,अजय, और स्वर्ण लता जो कि रतलाम के रहने वाले हैं इन्होंने लीलाबाई के माध्यम से बिना लीगली लिखा पढ़ी कर हॉस्पिटल में सांठगांठ कर बच्चों को लिया है और इसमें पूरी मदद लीलाबाई ने की है |
दोनों ही दंपतियों को संतान नहीं थी, गिरफ्तारी के बाद से ही दोनों ही परिवार का कहना था कि बच्चे उनके हैं उन्होंने नगर निगम से जन्म प्रमाण पत्र और हॉस्पिटल में डिलीवरी के प्रमाण पत्र भी एसटीएफ को सौंपी थे ।
एसटीएफ ने इस पूरे मामले में जांच की जिसमें पाया कि नगर निगम और हॉस्पिटल से बनाए गए दस्तावेज फर्जी हैं और साथ ही जो डीएनए टेस्ट कराया था, उसमें भी बच्चों के डीएनए फर्जी तरीके से अडॉप्ट किए गए ।
माता-पिता के डीएनए से नहीं मिलता है पुलिस इस मामले में आगे जांच कर रही है फिलहाल डीएनए टेस्ट से यह तो साफ हो गया है कि जो फर्जी दस्तावेज बताकर बच्चों को अपने माता-पिता बता रहे थे वे उनके माता-पिता नहीं है ।