गुंडागर्दी करने वाले पुलिस कर्मियों के बचाव में आए एसपी, बोले जिसे पीटा वह खुद अपराधी है, पहले उसने पुलिस वालों से हुज्जत शुरू की, घटना का पूरा वीडियो नहीं ! सवाल : साहब वो अपराधी है भी लेकिन ये तो पुलिसकर्मी थे, फिर अपराधियों जैसा व्यवहार क्यों ?
इंदौर:- में आज घटित हुए पुलिस द्वारा मारपीट मामले में संबंधित एसपी ,आशुतोष बागड़ी, ने अपना बयान जारी किया, मीडिया से बात करते हुए एसपी पूर्व ,आशुतोष बागड़ी, बोले की जिसकी पिटाई हो रही है उसपर पहले से ही मामले दर्ज हैं, वो स्मैक का आदि है जिसने भी वीडियो बनाया उसने पहले की घटना को शूट नहीं किया, पहले उस ऑटो चालक ने पुलिस से हुज्जत की उसके बाद पुलिस ने ये कदम उठाया ।
क्षेत्र के एसपी के इस बयान ने एक नई बहस छेड़ दी है, लोगों का कहना है की अगर ऑटो चालक अपराधी है तो क्या वह अपना जीवन ऑटो चला कर शराफत से दो पैसे नहीं कमा सकता ? क्या पुलिस उससे हमेशा अपराधियों की तरह बर्ताव करेगी ?
वीडियो में पुलिस अपराधियों की तरह बर्ताव करती नज़र आ रही है, क्या पुलिस और अपराधियों में कोई अंतर नहीं ?
ख़ैर, इस बयान में एक विरोधाभास जरूरी है क्योंकि एक तरफ पुलिस प्रदेश भर में गुड पुलिसिंग का ढोल पीट रही है तो वहीं दूसरी ओर ऑटो चालक को असंवैधानिक, क्रूर रूप से सरे आम पीटकर मामले को अपराधी के एंगल से जोड़ अब लीपापोती की जा रही है ।
सौ बात की एक बात, यदि ऑटो वाला हुज्जत कर भी रहा था तो उसे समझाते या गिरफ्तार कर थाने पहुंचाया जाता, इस तरह उसके बच्चे के सामने पिटाई करने से क्या हो गया ? वो बच्चा जिंदगी भर पुलिस से नफरत करेगा, पूरे देश में चर्चित इस कांड से इंदौर पुलिस की फजीहत अलग ।
अगर इसी तरह अपराधियों सा व्यवहार करने वाले पुलिसवालों का वरिष्ठ अधिकारी बचाव करते रहे तो ये उन सभी पुलिसवालों के साथ नाइंसाफी होगी जिन्होंने पुलिस के नाम पर इंसानियत की मिसाल पेश कर देश में इंदौर पुलिस का नाम रोशन किया ।