धरी रह गई जलदाय विभाग की तैयारियां, ग्राउंड रिपोर्ट : भरतपुर के कामां में 35 RO प्लांट बंद, गुमटियों में खुल गई दुकानें, जनता जल योजना, पेयजल स्कीम के ट्यूबवेल भी बंद
कामां क्षेत्र में लापरवाही के चलते 35 आरओ वाटर प्लांट बंद
कामां में गहराया पानी का संकट ऑपरेटरों ने प्लांटों में खोलीं दुकानें
गर्मी के साथ ही क्षेत्र में पेयजल संकट गहराने लगा है लोग व पशुधन पानी के लिए परेशान दिखाई दे रहे है लेकिन जिम्मेदार विभाग के अधिकारी व कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी से दूर भाग रहे है। लोगों को पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं करा पा रहे है ।
कामां क्षेत्र में खारे पानी की समस्या से निजात दिलाने तथा शुद्ध पानी उपलब्ध कराने उद्देश्य से गांवों में आरओ वाटर प्लांट लगाए गए थे ।
आरओ प्लांट क्षेत्र में कुछ दिन चलने के बाद ही कोई ना कोई कमी को लेकर बंद हो गए है वहीं जनता जल योजना, पेयजल स्कीम के ट्यूबवैल ग्राम पंचायत की लापरवाही के चलते अधिकांश बंद पड़े है ।
कामां क्षेत्र के विभिन्न गांवों में करीब 45 आरओ वाटर प्लांट लगे हुए है लेकिन इनमें से केवल 10 ही आरओ प्लांट मुश्किल से चालू हालत में है ।
शेष 35 आरओ वाटर प्लांटों में किसी की आरओ मशीन खराब है तो किसी की समरसेबिल, किसी का ट्रांसफार्मर गायब है, तो किसी का डिप बोर खराब है ।
कई आरओ वाटर प्लांटों की पंप मैगजीन काम नहीं करती है इसके लिए सम्बन्धित आरओ कम्पनी के कर्मचारी इनकी सर्विस पर ध्यान नही दे पा रहे है ।
वहीं दूसरी ओर चौकाने वाली बात तो यह है कि स्थानीय विधायक जाहिदा खान की इंद्रा कॉलोनी में आरओ वाटर प्लांट लगे करीब दो वर्ष हो गए ।
लेकिन कॉलोनीवासियों को इस आरओ वाटर प्लांट से एक बूंद भी पानी नसीब नही हुआ है |
आरओ प्लांट ऑपरेटर रहते हैं नदारद-इन प्लांटों को चलाने वाले कम्पनी के ऑपरेटर भी नदारद रहते है क्योंकि कम्पनी द्वारा इन ऑपरेटरों को कई वर्षों से मानदेय नहीं दिया जा रहा है ।
ऐसी स्थिति में प्लांट ऑपरेटरों ने इनमें दुकान भी खोल ली हैं साथ आरओ प्लांट के बाहर पैट्रोल व डीजल खुलेआम बेच रहे हैं ।
ये आरओ प्लांट बंद हैं-दादेड़ा, गुरीरा, पाई, समधारा, सौनोखर, बामनी, नीमला, रोशयिका, राधानगरी, कुलवाना, चकनदौला, बगीची, टायरा, खेड़लीगुमानी, पल्ला, घाटा, कनवाड़ा, मुल्लाका, ढाना, बिलग, अकाता, कौतका गांवों के आरओ प्लांट खराब है ।
,राकेश शर्मा, कनिष्ठ अभियंता जलदाय विभाग- आरओ प्लांट खराब होने की शिकायत दोनो कम्पनियों को की हुई है । लेकिन कम्पनियों के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे पा रहे है। और अधिकांश आरओ प्लांट इस कारण बंद है ।