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जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव सुधांश पंत ने ली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से राज्यव्यापी समीक्षा बैठक, जल जीवन मिशन के तहत 63 लाख लोगों तक नल कनेक्शन पहुंचाने पर दिया जोर, गर्मियों पर कई जगह बिगड़ती पेयजल व्यवस्था से नाराज भी हुए पंत

जयपुर, 22 अप्रैल जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत 24 हजार से अधिक गांवों के लिए स्वीकृृत 63 लाख हर घर नल कनैक्शन से सम्बंधित बकाया कार्यों को तेज गति से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश में हर घर नल कनैक्शन से वंचित लोगों के घरों में नल से जल पहुंचाने का श्रेष्ठ अवसर विभाग के सामने है, अधिकारी इसे भुनाकर उनके जीवन में सुखद बदलाव लाने को अपने राजकीय दायित्व का ध्येय बनाएं।

श्री पंत ने गुरुवार को शासन सचिवालय में वीसी के माध्यम से राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभाग के सभी क्षेत्रीय एवं जिला अधिकारियों को निर्देश दिए की जल जीवन मिशन के तहत राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएससी) में जारी की गई प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियों के काम को आगे बढ़ाने के लिए वे अपने स्तर पर ठोस कार्यवाही करे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत शेष बची प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियों का कार्य एसएलएससी की आगामी बैठकों में पूरा किया जाएगा, सभी अधिकारी अपने जिलों से सम्बंधित बकाया योजनाओं की स्वीकृति के प्रस्ताव तैयार कर भिजवाना सुनिश्चित करे।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बैठक में बारी-बारी से सभी जिलों में जल जीवन मिशन की प्रगति की समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि नए वित्तीय वर्ष में मेजर प्रोजेक्ट्स के अलावा अब तक 3428 तकनीकी स्वीकृतियां और 2259 टेंडर जारी करने की कार्यवाही की गई है। मेजर प्रोजेक्ट्स में 1166 तकनीकी स्वीकृतियां जारी की गई है। श्री पंत ने इस वित्तीय वर्ष में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 30 लाख हर घर नल कनैक्शन देने के लक्ष्य को देखते हुए इस प्रगति को कम बताते हुए अधिकारियों को और सघन प्रयास करने के निर्देश दिए।

बैठक में जल जीवन मिशन की समीक्षा के दौरान पाया गया कि एसएलएससी द्वारा अब तक जारी प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियों की तुलना में राजसमंद में 92 प्रतिशत, भीलवाड़ा में 88 प्रतिशत, बारां एवं चुरू में 86-86 प्रतिशत तथा कोटा में 81 तकनीकी स्वीकृतियां जारी की जा चुकी है, जबकि जैसलमेर में 96प्रतिशत, बाड़मेर एवं श्रीगंगानर में 85-85 प्रतिशत, अजमेर में 84 प्रतिशत एवं सिरोही में 78 प्रतिशत तकनीकी स्वीकृतियों का कार्य बाकी है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सभी जिलों के अधीक्षण अभियंताओं तथा सभी रीजन के अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं को निर्देश दिए कि वे अपने स्तर पर बकाया तकनीकी स्वीकृतियों के कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाएं। तकनीकी स्वीकृतियों के बाद टेंडर और वर्क ऑर्डर जारी करते हुए धरातल पर लोगों को घर-घर नल कनैक्शन देने के कार्य को समयबद्ध रूप से पूरा किया जाए।

बैठक में प्रदेश में गर्मिर्यों को देखते हुए पेयजल प्रबंधन व्यवस्था के तहत कंटीजेंसी प्लान के कार्यों, हैंडपम्प मरम्मत अभियान और जल परिवहन (टीओडब्ल्यू-ट्रांसपोर्टेशन ऑफ वाटर) की भी विस्तार से समीक्षा की गई। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में गत एक अप्रैल से आरम्भ हुए 45वें हैंडपम्प मरम्मत अभियान के तहत अब तक शहरी क्षेत्रों में 944 तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 4948 हैंड पम्पों की मरम्मत का कार्य किया गया है। वर्तमान में शहरी क्षेत्रों में 16 कस्बों में 315 टैंकरों से 2140 ट्रिप प्रतिदिन तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 580 गांवों और 296 ढाणियों में 317 टैंकरों से 1319 ट्रिप प्रतिदिन के आधार पर जल परिवहन किया जा रहा है।

वीसी में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के प्रदेश मुख्यालय जल भवन से मुख्य अभियंता (ग्रामीण) श्री आरके मीना, मुख्य अभियंता (गुणवत्ता नियंत्रण) श्री आरके मिश्रा, मुख्य अभियंता (तकनीकी) श्री संदीप शर्मा, मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट्स) श्री दिलीप गौड़ तथा जिला एवं क्षेत्रीय मुख्यालयों से मुख्य अभियंता (नागौर) श्री दिनेश गोयल, मुख्य अभियंता (जोधपुर) श्री नीरज माथुर के अलावा अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं और अधीक्षण अभियंताओं ने शिरकत की।

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