भारत में चोरी पर तालिबानी सजा और वह भी पुलिस के सामने : इंदौर में ऑक्सीजन प्लांट पर चोरी के आरोप में कंपनी के मालिक और उसकी बेटी ने अपनी ही स्टाफ के तीन जनों को खाल उधड़ने तक मारा, मुंह में मिर्ची ठूसी, बर्फ की सिल्ली पर लेटाया, पुलिस ने मामूली धाराओं में मामला दर्ज कर इतिश्री कर दी
पांच कर्मचारियों को ऑक्सिजन प्लांट के मालिक, उसकी बेटी, मैनेजर औऱ चाय वाले ने कमरे में बंद कर रातभर पीटा सजा के तौर पर बर्फ पर खड़ा किया औऱ मुंह में मिर्ची डालते रहे, दो सिपाहियों पर भी पिटाई का आऱोप
– पीड़ितों का आऱोप पहले आधा घंटे तो 15 लोगों की मदद से जमकर पीटा, फिर कमरे में ले गए
– पीड़ित बोले प्लांट से मैनेजर सहित हर कर्मचारी चुरा रहा था प्लांट, लेकिन हम पकड़ाए तो सिर्फ हमें पीटा
कुम्हेडी में प्लांट से ऑक्सिजन सिलेंडर चुराने के आरोप में पांच कर्मचारियों के साथ मालिक, उसकी बेटी, मैनेजर औऱ चाय वाले ने रातभर निर्दयिता पूर्वक पिटाई है। सजा के तौर पर बर्फ पऱ खडा किया, मुंह में मिर्ची डाल-डालकर पीटते रहे। सुबह परिजन पहुंचे तो आऱोपियों ने उन्हें छोड़ा। पीड़ितों ने दो सिपाहियो पर भी मारपीट का आरोप लगाया है। इसमें पुलिस बाणंगगा पुलिस ने 20 साल के राज वर्मा की शिकायत पर संचालक भंवरलाल शेखावत, उसकी बेटी कोमल, मैनेजर धीरज औऱ चाय वाले पप्पू के खिलाफ मारपीट की साधारण धाराओं में केस दर्ज किया है। पाटनीपुरा के लालापुरा में रहने वाले राज और नेहरू नगर गली नंबर 1 में रहने वाले चिराग वर्मा ने बताया कि हम दोनों भंवरलाल शेखावत के कुमेड़ी स्थित बी.आर.जे. कॉरपोरेशन प्लांट में काम करते हैं। हम 12 मई की रात 10 बजे काम पर पहुंचे। जैसे ही अंदर पहुंचे तो हमें एक हाल में ले जाया गया। यहां पर बाणगंगा थाने के दो सिपाही भी मौजूद थे। इनके अलावा प्लांट का मालिक, उसकी बेटी कोमल, मैनेजर धीरज, चाय वाला पप्पू सहित 15-20 लोग मौजूद थे। अंदर ले जाते ही हमें जानवरों की तरह पीटा गया। फिर आधा घंटे बाद पुलिस वाले चले गए। इसके बाद हमें ये चार नामजद लोग अंदर वाले कमरे में ले गए। यहां पर फिर से हमें पीटना शुरू किया। हम दोनों गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। मालिक की बेटी तो प्लास्टिक के पाइप से लगातार पीट रही थी। फिर हमें बर्फ पर खड़ा कर दिया। बाल नोचे। राज की पीठ पर खूब मारा। बर्फ पर खड़ा करने के बाद फिर उन्होंने हमारे मुंह में मिर्ची डाली, उसके ऊपर से बरफ ठूंस दिया। बोले चिल्लाए या मिर्ची फेंकी तो खत्म कर देंगे। रात 2 बजे हमारे साथ काम करने वाले रवि नंदवाल निवासी पाटनीपुरा, अनिकेत और दिव्यांश दोनों निवासी गांधी नगर पहुंचे। फिर इन तीनों के साथ भी वैसी ही पिटाई की जो हमारे साथ की। हम चिल्लाते रहे, गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। हम पर चोरी का आरोप लगाकर लगातार पीटा जा रहा था। आखिर सुबह जब हमारे घर वाले प्लांट पर पहुंचे तो हमें छोड़ा गया। हम सीधे थाने पहुंचे। वहां टीआई ने प्लांट वाले को धमकाया औऱ फिर मामुली धाराओं में केस दर्ज कर के हमें रवाना कर दिया। इस दौरान जो रिपोर्ट लिखी है वह भी उन्हीं पुलिस वालों ने लिखी है, उन्होंने रिपोर्ट लिखने के दौरान हमारा वीडियो भी बना लिया, जैसे कि हम आरोपी हैं। जबकि पुलिस ने अभी तक उनको नहीं पकड़ा, जिन्होंने हमें पीटा है।
एक लाख वापस लाकर दिए
चिराग ने कबूला कि प्लांट पर कोरोना के कारण जब से लोगों को ऑक्सिजन रिफिल की जाने लगी, तभी से वहां चोरी शुरू हो गई। हर कर्मचारी चालान कटाने के बाद चोरी कर रहा था। जब किसी का चालान कटता है तो उस ग्राहक से खाली सिलेंडर वापस नहीं लेते थे और बदले में उसे भरा हुआ सिलेंडर दे देते थे। इसके बदले में पैसा कमाया जाता था। आरोप है कि मैनेजर धीरज ने भी बड़ा हाथ मारा है। चिराग ने कबूला कि उसने दस सिलेंडर परिचितों को दे दिए थे। जबकि राज ने 2 सिलेंडर दिए थे। चिराग ने चोरी कबूलकर एक लाख रुपए मालिक को जमा भी करवा दिए थे,वहीं राज ने दोनों सिलेंडर दे दिए थे। इसके बाद भी पीटा गया। उनका कहना था कि यदि चोरी पकड़ी है तो पुलिस के हवाले कर दो, लेकिन ऐसा मत पीटो। फिर भी रातभर बंधक बनाकर पीटा है।
जांच कर रहे हैं
बाईट – पीड़ित