कोरोना पीड़ित भर्ती माँ बाप का देहांत हुआ तो अस्पताल के डॉक्टर तुरंत जिला कलेक्टर समेत वरिष्ठ अधिकारीयों को अनाथ बच्चों की देखरेख और परवरिश के लिए करेंगे सूचित : स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने दिए निर्देश
जयपुर, 16 मई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कोरोना व अन्य बीमारी से परिवार के मुखिया व उसकी पत्नी दोनों की मृत्यु हो जाने पर अनाथ हुए बच्चों की देखरेख के बारे में जिला कलक्टर, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों, सीएमएचओ व अन्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अखिल अरोड़ा ने चिकित्सा संस्थानों में भर्ती होने वाले परिवार (18 वर्ष से कम आयु के बच्चों सहित) के माता-पिता या अभिभावक की मृत्यु हो जाने के कारण अनाथ होने वाले बच्चों के लिए प्रत्येक जिला स्तर व चिकित्सा संस्थानों पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा एक चिकित्सक, मेडिकल कॉलेज में अधीक्षक द्वारा एक चिकित्सक, जिला एवं उपजिला अस्पताल पर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी द्वारा एक चिकित्सक और प्रत्येक चिकित्सा संस्थान (सीएचसी या पीएचसी) पर खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा एक चिकित्सक को मनोनीत करने के निर्देश दिए हैं।
श्री अरोड़ा ने बताया कि चिकित्सा संस्थानों में ये मनोनीत चिकित्सक अनाथ हुए बच्चों की सूचना तत्काल चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 या अधीक्षक राजकीय सम्प्रेक्षण, किशोर गृह या बालिका गृह या शिशु गृह या सहायक निदेशक-जिला बाल अधिकारिकता संरक्षण इकाई, बाल अधिकारिकता विभाग को उपलब्ध करवाएंगे।
श्री अरोड़ा ने कहा कि प्रत्येक चिकित्सा संस्थानों पर भर्ती होने वाले परिवार में उनकी मृत्यु हो जाने पर बच्चे को स्थानान्तरित किए जाने वाले व्यक्ति के बारे में सूचना (नाम, बच्चों से सम्बन्ध, पता, दूरभाष न.) बच्चों के भर्ती टिकट में अवश्य सम्मिलित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक चिकित्सा संस्थान में अनाथ होने वाले बच्चों का नाम व विवरण प्रत्येक चिकित्सा संस्थान के नोटिस बोर्ड पर अंकित किया जाए व प्रतिदिन अपडेट किया जाए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि प्रत्येक चिकित्सा संस्थान के प्रमुख प्रवेश द्वारों व मुख्य स्थानों पर चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098, अधीक्षक राजकीय सम्प्रेक्षण, किशोर गृह या बालिका गृह, शिशु गृह का नाम व दूरभाष नंबर एवं सहायक निदेशक- जिला बाल अधिकारिकता संरक्षण इकाई, बाल अधिकारिकता विभाग का नाम व दूरभाष नंबर अवश्य अंकित किया जाए।
If the corona victim admitted parents died, the doctors of the hospital would immediately inform the senior officials to look after and raise the orphaned children