मृत्यु के सरकारी आंकड़े पूरी तरह प्रमाणिक
-चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री
जयपुर, 25 मई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार पहली लहर की तरह ही दूसरी लहर में कोविड का बेहतरीन प्रबंधन करने का हरसम्भव प्रयास कर रही है। प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा के लिए निरंतर किए जा रहे प्रयासों के कारण प्रदेश में अन्य राज्यों के मुकाबले मृत्यु दर कम रही है। मार्च 2020 से लेकर अब तक प्रदेश में कोविड से 7911 मौतें हुई हैं।
डॉ. शर्मा ने कहा कि कोविड-19 से अप्रेल और मई माह में अब तक सर्वाधिक 5093 मौतें हुई हैं। इससे पूर्व के 13 महीने में कुल 2818 मौतें हुईं। इनमें अगस्त, सितम्बर, अक्टूबर, नवम्बर 2020 के चार माह में हुई कुल 1632 मौतें और शेष 9 माह की 1186 मौतें शामिल हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अस्पतालों में कोविड से होने वाली हर एक मौत का रिकॉर्ड रखा जाना सुनिश्चित कर रही है। इसमें किसी तरह की गड़बड़ की कोई संभावना नहीं है। हमारा कोविड की पहली लहर के समय से ही प्रयास रहा है कि पॉजिटिव केस से लेकर मृत्यु तक आंकड़ों में स्पष्टता रहे। किसी स्तर पर कोई हेर-फेर नहीं हो, इस संबंध में निचले स्तर तक सख्त निर्देश दिए गए हैं। हमें आंकड़ों की नहीं प्रदेशवासियों के जीवन की चिंता है।
डॉ. शर्मा ने कहा कि राजस्थान एक बड़ा प्रदेश है, जिसकी जनसंख्या करीब 8 करोड़ है। ऐसे में विभिन्न क्षेत्रों में कोविड के अतिरिक्त अन्य बीमारियों, दुर्घटनाओं, आयु एवं अन्य कारणों से मौतें होना स्वाभाविक है। ऐसी मौतों को कोविड से जोड़ना उचित नहीं है। यह सम्भव है कि किसी रोगी ने अज्ञानता या लापरवाहीवश कोविड की जांच नहीं कराई हो और ना ही अस्पताल में भर्ती हुआ हो। ऐसे मामलों में जिनमें रोगी की कोविड जांच नहीं हुई हो, उनकी मौत का इंद्राज कोविड से होने वाली मौतों के साथ नहीं किया जाता है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चिकित्सा विभाग प्रदेश में सैम्पलिंग, कोविड पॉजिटिव केस और मौतों सहित अन्य आंकड़ों का नियमित ऑनलाइन संधारण सुनिश्चित कर रहा है। सरकार के स्तर पर जारी किए जाने वाले आंकड़े पूरी तरह तथ्यपरक एवं प्रमाणिक हैं। चिकित्सा मंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे कोविड के लक्षण नजर आने पर तुरंत प्रभाव से जांच कराएं और चिकित्सकों से समय पर परामर्श लें। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों तक डोर टू डोर सर्वे के माध्यम से जांच और उपचार की सुविधा उपलब्ध करवा रही है। लोग इसमें सहयोग करें। लक्षण हों तो छिपाएं नहीं, बल्कि जांच करवाकर तुरंत उपचार लें।