जल जीवन मिशन (जेजेएम) के कार्यों की समीक्षा
एसीएस ने दिए तीन जिलों के अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश
श्रीगंगानगर एवं करौली के अधीक्षण अभियंता एवं चुरू के अतिरिक्त मुख्य अभियंता को नोटिस
जयपुर, 02 अगस्त। जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) श्री सुधांश पंत ने जल जीवन मिशन की समीक्षा के बाद कार्यों में धीमी प्रगति पर तीन जिलों श्रीगंगानगर, करौली एवं चुरू के अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए है। श्री पंत ने सोमवार को प्रदेश में जल जीवन मिशन के कार्यों की प्रगति की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान एसीएस ने इन जिलों के अधिकारियों द्वारा जेजेएम के तहत पूर्व में स्वीकृत ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं की तकनीकी स्वीकृतियां, निविदाएं और कार्यादेश जारी करने में अनावश्यक देरी और ढिलाई को गम्भीरता से लेते हुए श्रीगंगानगर एवं करौली के अधीक्षण अभियंता एवं चुरू के
अतिरिक्त मुख्य अभियंता को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। श्री पंत ने बताया कि इन जिलों के अधिकारियों को पूर्व में भी बार—बार जेजेएम के कार्यों को समय पर सम्पादित करने के निर्देश दिए गए थे, फिर भी इन जिलों में जेजेएम के कार्यों में वांछित प्रगति नहीं हो रही है। इस लापरवाही के कारण इन अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
एसीएस श्री पंत ने बैठक में जेजेएम की राज्य स्तरीय क्रियान्वयन टीम के अधिकारियों से कहा कि राज्य सरकार का ग्रामीण क्षेत्रों में निर्धारित लक्ष्यों के अनरूप ‘हर घर नल कनेक्शन’ एवं सभी घरों में नल कनेक्शन वाले गांवों की संख्या पर पूरा फोकस है। सभी जिलों में अधिकारियों को बची हुई तकनीकी स्वीकृतियों, निविदाओं और कार्यादेश के कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने के बाद लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास समेकित प्रयास करने की आवश्यकता है, लेकिन कुछ अधिकारी अभी भी शिथिलता बरत रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश में रेग्यूलर और प्रोजेक्ट विंग में जेजेएम के स्वीकृत कार्यों की शेष तकनीकी प्रक्रियाओं को तेजी से पूरा किया जाए। किसी भी जिले में निर्धारित समय सीमा में वांछित प्रगति नहीं हुई तो अन्य अधिकारियों के विरूद्ध भी अनुशानात्मक कार्यवाही प्रारम्भ की जाएगी।
श्री पंत ने बैठक में अधिकारियों को प्रदेश में जेजेएम के तहत कवरेज से शेष रहे गांवों की योजनाओं की स्वीकृति के प्रस्ताव शीघ्रता से भिजवाने के निर्देश दिए। इस सम्बंध में इसी माह 18 अगस्त को बकाया योजनाओं की मंजूरी के लिए राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति की बैठक का आयोजन प्रस्तावित है। बैठक में बताया गया कि पूर्व में स्वीकृत योजनाओं की तुलना में अब तक रेग्यूलर विंग के तहत 9432 गांवों की तकनीकी स्वीकृतियां और 8618 गांवों की निविदाएं जारी की गई है। इसके विरूद्ध 2312 कार्यादेश जारी किए जा चुके है। वर्तमान में 1640 गांवों में 5 लाख 28 हजार 424 ‘हर घर नल कनेक्शन’ देने का कार्य प्रगति पर है। इसी प्रकार मेजर प्रोजेक्ट्स के तहत 3833 गांवों की तकनीकी स्वीकृतियां और 2934 गांवों की निविदाएं जारी की गई है। जबकि 540 गांवों में 1 लाख 12 हजार 494 ‘हर घर नल कनेक्शन’ देने का कार्य चल रहा है।
बैठक में विशिष्ट सचिव श्रीमती उर्मिला राजोरिया, जेजेएम के मिशन निदेशक एवं मुख्य अभियंता—ग्रामीण श्री आरके मीना, मुख्य अभियंता—विशेष प्रोजेक्ट्स श्री दलीप कुमार गौड़, मुख्य अभियंता—तकनीकी श्री संदीप शर्मा, डब्ल्यूएएसओ के निदेशक श्री हुकम चंद वर्मा और वित्तीय सलाहकार सुश्री कोमल आगरी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।