जयपुर बदमाशों के हवाले : दिनदहाड़े दो गोली मार युवक की हत्या, पिस्टल लॉक हुई तो बड़े पत्थर से सिर कुचल कर मारा, दो स्कूटी पर आए छे बदमाश, शहर में अनकंट्रोल क्राइम, कुछ दिनों पहले ऐसे ही हुई थी इंजीनियर की हत्या
जयपुर – जयपुर में मंगलवार को दिनदहाड़े बदमाशों ने हिस्ट्रीशीटर अजय यादव की हत्या कर दी। 6 बदमाश दो स्कूटी पर सवार होकर आए थे। बनीपार्क में राम मंदिर के पास सूत मील कॉलोनी में रेलवे फाटक के पास चाय की थड़ी के बाहर अजय को पहले 2 गोली मारी। इसके बाद पास में पड़े पत्थर से उसका सिर कुचल दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद सभी बदमाश फरार हो गए। जयपुर एडिशनल कमिश्नर अजयपाल लांबा सहित तमाम पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। पूरे जयपुर में ए श्रेणी की हथियारबंद नाकाबंदी कराई गई है। राजस्थान विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी भी एसएमएस अस्पताल में देखने पहुंचे थे। अजय उनका नजदीकी बताया जाता है।
सदर थाने के हिस्ट्रीशीटर अजय यादव के खिलाफ 9 मुकदमे पहले से दर्ज थे। उसकी हत्या गैंगवार में होने की आशंका जताई जा रही है। जानकारी के अनुसार दोपहर 12:30 बजे अजय अपने साथी सौरभ के साथ स्कार्पियो गाड़ी लेकर सूत मिल कॉलोनी में राम मंदिर के पास आया था। वह चाय की थड़ी के पास गाड़ी में बैठा था। उसके साथ सौरभ भी मौजूद था। तभी दो स्कूटी पास में रुकी। इन पर छह बदमाश सवार थे। बदमाशों ने अजय की गाड़ी पर पहला फायर किया।
तब अजय स्कार्पियो के दूसरे गेट से निकलकर भागा। अन्य बदमाशों ने उसे दौड़ाते हुए पीछे से फायरिंग की। तभी गोली लगने पर अजय एक थड़ी के पास गिर पड़ा। इस दौरान 2 गोली अजय को लगी और बदमाशों की पिस्टल लॉक हो गई। तब बदमाशों ने उसे पकड़कर घसीटा। थोड़ी दूरी पर ले जाकर जमीन पर पटका। फिर भारी पत्थर से सिर पर कुचलकर मार डाला। घटना के दौरान कुल 5 राउंड फायर किए गए। पुलिस अजय के साथ मौजूद सौरभ और घटना के वक्त मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों से बदमाशों के हुलिए के बारे में पूछताछ कर रही है। सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है।फायरिंग की सूचना मिलने पर बनीपार्क पुलिस मौके पर पहुंची। एकाएक फायरिंग की आवाज सुनकर लोग सहम गए। सभी इधर उधर भाग निकले। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अजय यादव को एसएमएस अस्पताल पहुंचाया गया। फिलहाल बदमाशों का कुछ भी पता नहीं लग सका है।गौरतलब है कि अजय यादव ने 2015 में गगन पण्डित पर जानलेवा हमला करवाया था। इस दौरान जयपुर के जवाहर नगर में फायरिंग की गई थी। इसके लिए हरियाणा के बदमाशों को ठहराया गया था। इन्हें अजय ने ही रुकवाया था। उसके खिलाफ पहला मुकदमा सदर थाने में 1997 में दर्ज हुआ था।