गरीब का ठेला पलटाने और मारपीट करवाने वाले डॉक्टर पर खुद लग चुके हैं कई संगीन आरोप, विभिन्न मामलों में कई पीड़ित दे चूकें हैं थाने में आवेदन, खुद को इंदौर सांसद का घनिष्ठ बता जमाता है रॉब, पूरे देश में वायरल हो रहे वीडियो से शहर की छवि हो रही ख़राब
इंदौर। कमिशनरी सिस्टम लागू होने के बावजूद पुलिस अपने रवैये में सुधार लाने का नाम नहीं ले रही है,ताजा मामला भंवरकुआ थाना क्षेत्र के भोलाराम उस्ताद मार्ग का है,यहाँ आलू प्याज़ का ठेला लगाने वाली महिला द्वारिकाबाई हुए उसके बेटे राजू के साथ अनु अनायका क्लिनिक संचालक डॉ अनिल घई के आदेश पर उसके कर्मचारियों ने जमकर मारपीट करते हुए उनका ठेला पलट दिया, जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
महिला का आरोप है कि गुरूवार रात वह अपने ठेले पर खड़ी थी, उसी समय डॉ घई अपने सर्वानंद नगर स्थित क्लिनिक पर पहुंचा, यहाँ उसने अपनी कार द्वारिका बाई के ठेले के सामने लगा दी, इस पर आपत्ति लेते हुए द्वारिका बाई ने डॉ घई से कार साइड में लगाने की गुजारिश की, जिस पर डॉ अनिल घई भड़क गया और महिला को जातिसूचक गाली गलौज करते हुए क्लिनिक में गया और वहा से अपने 4 कर्मचारियों को भेजकर द्वारकाबाई और उसके बेटे के साथ जमकर मारपीट करवाते हुए उनका ठेला पलट दिया.
मारपीट में द्वारिका के बेटे राजू के हाथ में गंभीर चोट आयी है. मामले की शिकायत करने भंवरकुआ थाने पहुंचे माँ बेटे को काफी देर तक बैठाये रखा गया, पहले राजीनामा करने का दबाव पुलिस द्वारा बनाया जाता रहा लेकिन थाने पर भीड़ जमा होने के बाद पुलिस ने डॉ घई के 1 कर्मचारी यश के खिलाफ मामूली धाराओं में एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर थाने से छोड़ दिया जबकि पीड़ित माँ बेटे को पुलिस ने रात 3 बजे तक थाने में बैठाये रखा.
मामले में पुलिस द्वारा डॉ घई और अन्य को आरोपी नहीं बनाने, एफआईआर में सही धाराएं नहीं जोड़ने के विरूद्ध कमिश्नर हरिनारायण चारि मिश्र से मुलाकात कर शिकायत की है.
कमिश्नर मिश्र ने मामले में घराएँ बढ़ाने के निर्देश दिए , गौरतलब है कि डॉ अनिल घई खुद आपराधिक और जालसाज प्रवृति का व्यक्ति है, उसके खिलाफ कई लोगो ने थाने में आवेदन दे रखे है लेकिन राजनितिक संरक्षण होने की वजह से पुलिस उस पर कार्रवाई नहीं करती है.
वह अपने आपको सांसद शंकर लालवानी का ख़ास बताकर लोगो पर रसूख जमाता है, कमिश्नर के आदेश पर भंवरकुआ पुलिस ने पीड़ित महिला के फिर से बयान लिए है, इसके बाद एफआईआर में आरोपियों के नाम और धाराएं बढ़ाने की बात कही जा रही है.