जीतू ठाकुर हत्याकांड मामले में 15 साल बाद फैंसला : मुख्य आरोपी युवराज उस्ताद दोषमुक्त, 93 में से 77 गवाह पलटे, दो आरोपियों को उम्र कैद
इंदौर के बहुचर्चित मऊ जीतू ठाकुर जेल हत्याकांड मामले में 15 साल के बाद फैसला आया है जिसमें तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए युवराज उस्ताद सहित अन्य 2 को बरी किया गया है…।
करीबन 15 वर्ष पहले यानी 2007 में महू की जेल में जीतू ठाकुर हत्याकांड की घटना को अंजाम दिया गया था इसमें कई आरोपी बनाए गए थे जिसमें मुख्य रुप से गैंगस्टर युवराज उस्ताद भी शामिल था, इस पूरे मामले में 15 वर्षों के बाद आए फैसले के चलते यह मामला एक बार फिर से सुर्खियों में बना हुआ है.
शासकीय अधिवक्ता गजराज जी द्वारा बताया गया कि जीतू ठाकुर हत्याकांड मामले में पुलिस हत्या सहित कई धाराओं में केस दर्ज किया था, 93 लोगो की गवाही हुई है जिनमे से 77 गवाह न्यायालय में अपने बयान से बदल गए, यह केस लगातार चलता रहा और उसके बाद अपर सत्र न्यायधीश द्वारा फैसला सुनाया गया है जिसके तहत विनोद उर्फ विक्की, अशोक को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया गया है तो वहीं एक अन्य आरोपी अशोक की पूर्व में ही मौत हो चुकी है और पूरे मामले में युवराज उस्ताद यशवंत और विजय उर्फ करण को दोषमुक्त किया गया है, घटना में मुख्य गवाह पक्ष विरोध होने के चलते न्यायालय ने संज्ञान में लिया है और गवाहों के खिलाफ न्यायालय में परिवार प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं जिससे कि पक्षी विरोधी गवाहों के ऊपर मुकदमा भी चलाया जा सकेगा।
बाईट- गजराज सिंह सोलंकी शासकीय अधिवक्ता इंदौर