ऑनलाइन ठगों पर क्राइम ब्रांच का पंजा, फरियादी को वापिस दिलवाए 6 लाख
इंदौर-19 April 2019 – इंदौर शहर में बढ रही बैंकिंग संबंधी सायबर शिकायतों के निराकरण हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इंदौर श्रीमती रूचिवर्धन मिश्र द्वारा पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) इंदौर श्री अवधेश कुमार गोस्वामी को निर्देशित किया गया था उक्त निर्देशो के तारतम्य में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध शाखा श्री अमरेन्द्र सिंह द्वारा सायबर ठगी संबंधित शिकायतों के निराकरण हेतु सायबर अपराध अनुसंधान टीम को समुचित दिशा निर्देश दिये गये थे ।
क्राइंम ब्रांच की सायबर अपराध अनुसंधान टीम को वर्ष जनवरी 2018 से मार्च 2019 के मध्य डेबिट/क्रेडिट कार्ड फ्राड संबंधी, टॉवर लगवाने , लोन दिलवाने, पेट्रोल पंप की डीलरशिप दिलवाने से संबंधित कुल 195 शिकायतें वरिष्ठ कार्यालयों, अपराध शाखा कर्यालय एवं सिटीजन कॉप के माध्यम से प्राप्त हुई जिनकी जॉंच के दौरान यह तथ्य पाये गये कि कुछ असामाजिक तत्वों/ठगों द्वारा आम जनता को विश्वास में लेने के उद्देश्य से बैंकिंग संस्थाओं के कर्मचारी/अधिकारी अथवा प्रतिष्ठित लोन कंपनियों के अधिकारी/कर्मचारी के रूप में स्वंय की पहचान बताकर आम जनता को विभिन्न प्रकार के प्रलोभन देकर उनसे बैंक के खातों एवं पेमेंट ई-वॉलेटों के माध्यम से राशि प्राप्त कर धोखाधडी करते है।
उक्त शिकायतों में जॉच के दौरान यह पाया गया है कि झारखण्ड के दुमका, गिरडीह, जमतारा आदि जिलों में ऐसा गिरोह सक्रिय है जो कि बैंक खातों की गोपनीय जानकारी लेकर खातों में सेंधमारी कर लाखों रूपये की राशि को चंद मिनटों में उडा देते हैं एवं दिल्ली, मुंबई, पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों की ठगने वाली गैंग के द्वारा फर्जी साइडों को निर्मित करके जॉब दिलाने, टॉवर लगवाने, लोन दिलाने, पेट्रोल पंप लगवाने के नाम पर पेमेंट गेटवे के माध्यम से राशि प्राप्त कर धोखाधडी करते है ।
शिकायतों में क्राइम ब्रांच इंदौर द्वारा धोखाधडी में प्रयुक्त विभिन्न कंपनियों के लगभग 600 ई-वॉलेटों एवं लगभग 400 बैंक खातों को बंद करवाकर ऑनलाइन अपराधों पर अंकुश लगाया गया है एवं लगभग 105 शिकायतों में शहर के विभिन्न थानों में अपराध पंजीबद्ध किये जाने हेतु प्रतिवेदन प्रेषित किये जाकर अपराधियों की पतारसी के प्रयास किये जा रहे हैं । फर्जी साइडों को भी बंद करवाया जाकर आवेदकों की लगभग छः लाख रूपये की राशि रिफंड करवाई गई है । आमजन से यह अनुरोध किया जाता है कि इस प्रकार के ऑनलाइन फ्राड का शिकार होने से बचने हेतु निम्नलिखित बिंदुओं का ध्यान
* बैंक संस्थाओं, लोन कंपनियों एवं फायनेंस कंपनियों द्वारा कभी भी फोन के माध्यम से अपने ग्राहक की गोपनीय जानकारी प्राप्त नहीं की जाती है अतः इस प्रकार के फोन कॉल प्राप्त होने पर कोई रिस्पांस न देवें ।
*किसी भी संबंधित कंपनी की बेवसाइट पर अपनी बैंकिंग जानकारी तभी शेयर करे जब सुनिश्चित हो कि वह साइड पूर्ण रूप से सुरक्षित है ।
* आजकल अधिकांश शिकायतों में यह पाया जा रहा है कि ठग ऑनलाइन एवं ANY DESK को सबंधित व्यक्ति के फोन में डाउनलोड करवाकर उसके फोन पर होने वाली गतिविधि एवं सूचना को स्वंय के फोन पर देखकर धोखाधडी करते हैं। अतः इस प्रकार के एप का प्रयोग सावधानीपूर्वक करें ।
* धोखाधडी करने वाली गैंग द्वारा विभिन्न कंपनियों के कस्टमर केयर नंबर के रूप में स्वंय के नंबरों को गूगल पर अपलोड किया गया है, जिससे संबंधित व्यक्ति द्वारा जब किसी कंपनी का कस्टमर केयर नंबर खोजा जाता है तो उक्त फ्राड व्यक्तियों के नंबर प्रदर्शित होते हैं अतः सावधानी एवं सजगतापूर्वक ही संबंधित कंपनी के सही नंबरों का इस्तेमाल करें ।
* फोन कॉल के माध्यम से टॉवर लगवाने का प्रलोभन देने वाले व्यक्ति से पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के उपरांत संबंधित टेलीकॉम कार्यालय में उसका सत्यापन करवा लें ।
* तुरंत लोन पाये जैसे आकर्षक प्रलोभनों में न आकर अपनी बैंक की जानकारी शेयर ना करें अथवा किसी भी खातें में पैसा जमा नहीं करवायें ।
* आकर्षक जॉब उपलब्ध करवाने का प्रलोभन देने वाली फ्राड कंपनियों पर न तो विश्वास करें और नहीं किसी प्रकार की फीस अथवा चार्ज जमा करवायें ।
* यदि आपके खाते से आकस्मात या भूलवश बैंक संबंधी गोपनीय जानकारी उपलब्ध कराने से राशि आहरित होती है तो इसकी सूचना इंदौर पुलिस के सायबर हेल्पलाइन नंबर 7049124444, 7049124445 पर तत्काल देवें ।