जलदाय विभाग में गर्मियों में अधिकारियों को मुख्यालय छोड़ने पर अतिरिक्त सचिव सुधांश पंत ने लगाई रोक, हकीकत : अधिकांश अधिकारियों का जयपुर में निवास, किसी न किसी बहाने आ जाते हैं जयपुर, कुछ नहीं मिलता तो जल भवन में ही निकाल लेते हैं काम
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पांचना बांध से गंभीर नदी में पानी छोड़ने की मांग जोर पकड़ती जा रही है अब गंभीर नदी बचाओ संघर्ष समिति की ओर से गांव-गांव जन जागरण अभियान शुरू किया गया है ।
इसी क्रम में मंगलवार को गांव नगला सिंघाड़ा में मानसिंह बैंसला की अध्यक्षता में ग्रामीणों की पंचायत हुई पंचायत को संबोधित करते हुए गुर्जर नेता भूरा भगत, प्रहलाद सरपंच, शिवचरण कुशवाह, गुमान सिंह, केशव शर्मा, अतर सिंह कामर आदि ने कहा कि सरकार को चंबल नदी के व्यर्थ बहने वाले पानी को पांचना बांध में डालने तथा पांचना से गंभीर नदी को नियमित तौर पर पानी छोड़ने की पहल करनी चाहिए ।
क्योंकि पिछले तीन दशक से गंभीर नदी में पानी नहीं आने से क्षेत्र में पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है इलाके का जलस्तर काफी नीचे चला गया है और अगर यही हालात रहे तो लोगों को पलायन करने की मजबूरी होगी लगातार गहरा रहे जल संकट से गृह युद्ध छिड़ने जैसे हालात पैदा हो जाएंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया और गंभीर नदी में पानी नहीं छोड़ा तो व्यापक पैमाने पर आंदोलन खड़ा किया जाएगा ।
क्योंकि जल ही जीवन है। अगर लोगों को पानी नहीं मिलेगा तो वह कुछ भी करने को उतारू हो जाएंगे। लोगों ने कहा कि पांचना बांध बनने से पहले गंभीर नदी वर्ष भर बहती थी ।
इससे पूरा जनजीवन खुशहाल था और भरपूर पैदावार होती थी लेकिन जब से पांचना बांध बना है और गंभीर नदी में पानी की आवक बंद हुई है तब से लोगों के सामने पेयजल, सिंचाई व पशुपालन के लिए संकट खड़ा हो रहा है इस अवसर पर भगवान सिंह, लालाराम, भूरा मुर्रकी, शिवचरन कुशवाह आदि आसपास के कई गांवों के ग्रामीण मौजूद रहे ।