Articles & Blogs
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वो माँ होती है : मदर्स डे स्पेशल
*मां* मन्ज़िल नहीं जो हो ज़िन्दगी का ज़ायका वो मां होती है मक्सद नहीं सांस लेने की जो हो वजह…
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कविता – जब ज़िन्दगी “आम” हुआ करती थी
जब ज़िन्दगी “आम” हुआ करती थी बरस का इक मौसम आम के नाम और हवाले है गर्मी के दिन हमेशा…
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‘Bagh Tola’ Kanha – Jungle within the Jungle, Resort with a Difference
Bhopal . It’s the time when winters moves swiftly out while the summers starts stepping in , during this weather…
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माननीय प्रधानमंत्री जी, सुना है की आप बहुत सवेदनशील है
माननीय प्रधानमंत्री जी आप बहुत सवेदनशील है सूत्रों से सुना है, अपने पाकिस्तान पर आतंकी ठिकानों पर हमले के वक्त…
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शिक्षा का मूल उद्देश्य परिमार्जन है प्रतियोगिता नहीं
वसन्त का आगमन हो चुका है, पलास और सरसों ने रंग दे दिया है, वसुंधरा प्रफुल्लित है| कुल मिलाकर मन…
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छोटी चूक कीमत भारी
ढाई हजार सैनिक कौन से भरी बसों का काफिला देश के सबसे खतरनाक हाईसिकुरिटी झोन से गुजर रहा है,उन बसों…
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आख़िर.. कब तक
*आख़िर.. कब तक* इक दो दिन का हंगामा होगा फिर ख़ामोशी की चादर होगी उम्मीदों का नया सौदा होगा लंबी…
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प्रेम की भाषा – वैलेंटाइन डे पर SP ने लिखी नायाब कविता
शामली, उत्तर प्रदेश। बहुत कम लोगों को ये ज्ञात होगा की शामली SP एक कुशल अधिकारी के साथ एक उत्कृष्ट…
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फरवरी – कविता
*फ़रवरी* फ़रवरी, कैसे करूं बयां मेरे लिए क्या हो तुम इक तमाम बरस की धड़कन हो तुम जवां अदाओं की…
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“आजकल वो मुलाक़ात नहीं होती”
कई दिनों से या शायद कई सालों से हम मिले नहीं…यूं नहीं कि फुरसत नही, बस अब वक्त फिसल जाता…
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