जयपुर – प्रदेश में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत स्वीकृत ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं में ‘हर घर नल कनेक्शन’ देने की प्रगति के लिए अब डिजिटल डैशबोर्ड का उपयोग किया जाएगा। जलदाय विभाग द्वारा इसका सॉफ्टवेयर तैयार कर लिया गया है। इस सॉफ्टवेयर में आगामी सप्ताह से प्रारम्भिक तौर पर डाटा एंट्री की जाएगी, फिर इसकी लॉचिंग की जाएगी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) श्री सुधांश पंत ने शनिवार को जेजेएम की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित वीसी की अध्यक्षता करते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रोजेक्ट्स की मॉनिटरिंग के लिए यह एक ऐसा टूल साबित हो, जिसके जरिए जिला, प्रोजेक्ट एवं सर्किल वार प्रगति को हर स्तर पर ‘एट ए ग्लांस’ देखा जा सके। इसके माध्यम से विभाग द्वारा जेजेएम में तकनीकी स्वीकृति, निविदाएं और कार्यादेश जारी करने के लिए निर्धारित टाइमलाइन और अन्य गतिविधियों पर भी बराबर नजर रखीं जाए।
सिंगल सोर्स पर मिलेगी सूचनाएं
वीसी में इस सॉफ्टवेयर के प्रेजेंटेशन में बताया गया कि इसके जरिए सिंगल सोर्स पर सारी सूचनाएं उपलब्ध होगी, राज्य स्तर के अधिकारियों के साथ ही जिला और प्रोजेक्ट स्तर पर अधिकारियों को ‘लॉग इन’ सुविधा दी जाएगी, वे अपने स्तर पर इसमें ‘डाटा एंट्री’ के लिए जिम्मेदार होंगे तथा स्वयं अपने अधीन जेजेएम परियोजनाओं की प्रगति को देख पाएंगे। आने वाले दिनों में इस टूल के बारे में ‘ट्रेनिंग सैशंस’ होंगे और हेल्पलाइन भी शुरू की जाएगी।
असंतोषजनक कार्य पर चार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश
श्री पंत ने वीसी में प्रोजेक्ट और रेग्यूलर विंग के अधिकारियों से चर्चा करते हुए जेजेएम प्रगति का फीडबैक लिया। इस दौरान उन्होंने चार अधिकारियों, जोधपुर एवं सांचौर प्रोजेक्ट सर्किल तथा उदयपुर व सवाई माधोपुर के रेग्यूलर विंग के अधीक्षण अभियंताओं के विरुद्ध असंतोषजनक कार्य के कारण अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने जेजेएम के अंतर्गत अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में प्रस्तावित राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) की अगली बैठक के लिए एजेंडा प्रस्ताव समय पर भिजवाने के भी निर्देश दिए।
शिविरों में जेजेएम की गतिविधियों पर भी हो चर्चा
एसीएस ने प्रदेश में 2 अक्टूबर से आरम्भ हो रहे प्रशासन गांवों और शहरों के संग अभियानों में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) की ओर से चिह्नित कार्यो को राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप संपादित करने के लिए अधिकारियों को पूरी तैयारी रखने को कहा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले शिविरों में जिलों में कार्यरत आईएसए (इम्प्लीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसीज) के माध्यम से लोगों को जनसहभागिता राशि के बारे में भी जानकारी दी जाए। साथ ही इस दौरान विलेज वाटर एवं सेनिटेशन कमेटी की बैठकें भी आयोजित की जा सकती है। उन्होंने दो अक्टूबर को आयोजित होने वाली ग्राम सभा की बैठकों में जिलों में शेष बची ग्राम कार्य योजनाओं (विलेज एक्शन प्लान) का भी अधिकाधिक संख्या में अनुमोदन कराने के निर्देश दिए।
क्वालिटी और समय सीमा पर फोकस
जल जीवन मिशन के मिशन निदेशक डॉ. पृथ्वीराज ने बैठक में अधिकारियों को जेजेएम के कार्यों में गति लाने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी अधिकारी सेवा भाव एवं स्पिरिट से काम करे। मिशन के कार्यों में सभी आवश्यक सावधानियां रखते हुए क्वालिटी और समय सीमा पर फोकस किया जाए। उन्होंने कहा कि अकाल से प्रभावित, अनुसूचित जाति और जनजाति के बाहुल्य, गुणवत्ता से प्रभावित तथा विशेष श्रेणी वाले जिलों (एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स) में लोगों को जल जीवन मिशन के माध्यम से ‘हर घर नल कनेक्शन’ की सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है, इनकी प्रगति पर विशेष ध्यान दें।
30 हजार गांवों में करीब 75 लाख ‘हर घर नल कनेक्शन’ की स्वीकृतियां
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में अब तक 115 वृहद पेयजल परियोजनाओं और 8047 मल्टी एवं सिंगल विलेज परियोजनाओं सहित कुल 8162 ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं में 29 हजार 943 गांवों में 74 लाख 46 हजार 200 ‘हर घर नल कनेक्शन’ की स्वीकृतियां जारी की जा चुकी है। इसी कड़ी में अब तक 16 हजार 613 गांवों में 6731 ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं की तकनीकी स्वीकृतियां (41 लाख 79 हजार 311 ‘हर घर नल कनेक्शन’ के लिए) तथा 15 हजार 118 गांवों में 6340 स्कीम्स (38 लाख 16 हजार 16 ‘हर घर नल कनेक्शन’ के लिए) की निविदाएं जारी करते हुए 5502 गांवों में 13 लाख 81 हजार 920 ‘हर घर नल कनेक्शन’ के लिए कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं। वर्तमान में 3253 गांवों में 8 लाख 86 हजार 398 ‘हर घर नल कनेक्शन‘ देने का कार्य मौके पर चल रहे हैं।
ये रहे मौजूद
वीसी से मुख्य अभियंता (जेजेएम) श्री दिनेश गोयल, मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट्स) श्री दिलीप गौड़, मुख्य अभियंता (तकनीकी) श्री संदीप शर्मा, मुख्य अभियंता (जोधपुर) श्री नीरज माथुर व वित्तीय सलाहकार सुश्री कोमल आगरी, डब्ल्यूएसएसओ के निदेशक श्री हुकम चंद वर्मा सहित प्रदेशभर से रेग्यूलर एवं प्रोजेक्ट विंग के रीजन एवं जिलों के अतिरिक्त मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारी भी जुड़े।