किसान बिल घमासान अपडेट – किसान बिल के विरोध में छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने पैदल मार्च निकाल राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, भाजपा अब गांव गांव जाकर किसानों को समझाएगी फायदे
किसान बिल आंदोलन,
अभी हाल ही में 20 सितम्बर 2020 को संसद ने किसान बिल पारित किया है ।जिसका प्रावधान यह है कि किसानों और व्यापारियों को मंडी से बाहर फसल बेचने की आजादी दी है इसे लेकर किसानों और राज्यो की सरकार में बहुत बड़ी खीचा तान हो रही है। जहां किसान आंदोलन कर रहे है वहीं सरकार अपने दाव पेंच खेल रही है। जैसे की छत्तीसगढ़ में आज कांग्रेस ने आज राज भवन तक पदयात्रा करके राष्ट्रपति ज्ञापन सौंपा। वहीं काग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन ने कहा है कि मोदी सरकार ने किसानों के सामने संकट खड़ा कर दिया है। इस कानून से काला बाजारी को बढ़ावा मिलेगा।उन्होंने इन सब को लेकर ज्ञापन सौंपा है। इसी बीच सोनिया गांधी ने कहा है कि सभी काग्रेस शासित राज्यों को सलाद दी है कि ऐसा कानून बनाया जाए जिससे किसान विरोधी व्यवस्था कि स्थिति को खत्म की का सके।वहीं राहुल गांधी ने प्रदर्शन कर रहे किसानों से कहा है कि यह कानून अंग्रेजो के समय का कानून है। वहीं पंजाब में किसानों ने काले कपड़े पहन कर ट्रैक पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे है। आज उन्हें पचवा दिन है।
जहां एक तरफ काग्रेस ने किसान कानून को लेकर सड़क से लेकर राज भवन तक विरोध जताया वहीं भाजपा ने अब खटाला परिषद कर किसानों को विधेयक के फायदे समझाए । भाजपा और काग्रेस किसान को अपने अपने पार्टी की ओर करने में लगे है। खटला परिषद से पार्टी के नेता गांव गांव जाकर किसानों को समझाया जाएगा। विधेयक के लाभ किसानों तक पहुंचाया जाएगा।
किसान बिल आंदोलन का असर सबसे ज्यादा पंजाब व हरियाणा में दिखा है। पंजाब में ट्रैक पर बैठ कर धरना दे रहे है दिन भर बाजार बंद रहे है।वहीं उत्तर प्रदेश के मुज्फरनगर जिले में भी आंदोलन का असर देखने को मिला है ।पंजाब में भाजपा और अन्य पार्टी ने भी किसानों का समर्थन किया है। पंजाब में सिरसा हाईवे पर हजारों की संख्या में किसान आंदोलन कर रहे है।
वहीं दिल्ली नोएडा बोर्डर पर किसान सड़क पर बैठ कर प्रदर्शन कर रहे है किसान नारे बाजी कर रहे है उनका मानना है कि मोदी सरकार ने किसानों को बर्बाद कर दिया है।
Chhattisgarh Congress takes out march on foot in protest against farmers bill