गांव-गांव में उपलब्ध होंगी शहरों जैसी चिकित्सकीय सुविधाएं
-चिकित्सा मंत्री
जयपुर, 26 जुलाई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा है कि प्रदेश के 18 हजार से अधिक चिकित्सा संस्थानों को निरंतर आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। उन्होंने कहा सरकार का प्रयास है कि शहरों जैसी चिकित्सीय सुविधा प्रदेश के प्रत्येक गांव में उपलब्ध हो, ताकि आमजन को शहरों तक इलाज के लिए आना नहीं पड़े।
डॉ शर्मा सोमवार को जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में राजस्थान नर्सिंग एसोसिएशन व आरयूएचएस कॉलेज की ओर से आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर व पोस्ट कोविड मैनेजमेंट सेमिनार को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के चयनित 332 सामुदयिक स्वास्थ्य केन्द्रों को कोरोना की संभावित तीसरी लहर के लिए तैयार किया जा रहा है। इन केन्द्रों पर आईसीयू बैड, ऑक्सीजन की सुविधा और आवश्यक दवाएं हर समय उपलब्ध रहेंगी। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार तीसरी लहर का असर बच्चों पर रहने की आशंका है। इसी को देखते हुए प्रदेश शिशु चिकित्सालयों भी ऑक्सीजन बैड व अन्य आवश्यक सुविधाओं में बढ़ोतरी की जा रही है।
1 लाख 50 हजार से अधिक प्रतिदिन जांच करने की क्षमता
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि कोरोना की दोनों लहरों में राज्य सरकार ने बेहतरीन कार्य किया है। उन्होंने कहा कि मार्च 2020 में कोरोना का पहला केस मिला था तब प्रदेश में आरटीपीसीआर टेस्ट को कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी। उसी वक्त यह तय कर लिया था कि प्रदेश को जांच के मामले में आत्मनिर्भर बनाएंगे। आज प्रदेश के प्रत्येक जिले में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा उपलब्ध है और प्रतिदिन 1 लाख 50 हजार से अधिक जांच करने की क्षमता भी विकसित कर ली है।
ऑक्सीजन के मामले में राजस्थान हुआ आत्मनिर्भर
डॉ शर्मा ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेशवासियों को मेडिकल ऑक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ा। केन्द्र सरकार की ओर से प्रदेश को केवल 400 मीटिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई, जबकि जरुरत 650 मीटिक टन से अधिक की थी। ऐसी किसी और स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश में 400 मेडिकल ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट व अन्य ऑक्सीजन उत्पादक यंत्रों के जरिए लगभग 1 हजार मैट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता विकसित कर ली है।
राजस्थान हर क्षेत्र में अव्वल
डॉ शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान उत्कृष्ट कार्य करते हुए ऑक्सीजन प्रबंधन, दवाइयों की उपलब्धता और वैक्सीनेशन प्रबंधन में अव्वल रहा है। इसी का परिणाम है प्रदेश में कोरोना से होने वाली मौत की दर काफी कम है। उन्होंने कहा कि चिकित्साकर्मियों के दिन-रात परिश्रम और विशेषज्ञों की सटीक रणनीति के कारण प्रदेश ने कोरोना की दूसरी लहर से तेजी से उबरा है।
तीसरी लहर का खतरा बरकरार
चिकित्सा मत्री ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर के बाद गैर-जिम्मेदाराना रवैये का परिणाम थी। कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन हमें तीसरी लहर की ओर अग्रसर कर रही है। इसलिए यह जरुरी है कि हम सभी कोरोना की गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करें। उन्होंने कहा कि मास्क, दो गज की दूरी और बार-बार हाथ धोने को अपनी दिनचर्या में सम्मलित करें।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया राजस्थान
सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुधीर भंडारी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कोरोनाकाल में एसएमएस मेडिकल कॉलेज की ओर से किए गए कार्याें की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना का पहला केस आने से अब तक चिकित्सा मंत्री के निर्देशन में अतुलनीय कार्य किया है। उन्होंने आरटीपीसीआर टेस्ट की अनिवार्यता हो या जिनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा हर मामले में राजस्थान अग्रणी रहा है।
स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में हुआ 450 यूनिट रक्तदान
कार्यक्रम आयोजक श्री शशिकांत शर्मा ने बताया कि स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में 450 से अधिक यूनिट रक्तदान हुआ। उन्होंने बताया कि इस मौके पर 250 से अधिक लोगों ने अंगदान का संकल्प लिया हैै। इस अवसर पर इस अवसर पर एसएमएस मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ राजेश शर्मा, निदेशक जन-स्वास्थ्य डॉ के के शर्मा, फार्मासिस्ट काउंसिल के अध्यक्ष डॉ ईश मुंजाल, श्री नवीन सांघी, राजस्थान नर्सिंग एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह शेखावत, आरयूएचएस के नर्सिंग प्रधानाचार्य श्री मुकेश तितेरवाल, श्री प्यारेलाल चौधरी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।