राजस्थान में लाइफलाइन प्रोजेक्ट बन रहा ईस्टर्न कैनेल प्रोजेक्ट, प्रदेश के 11 जिलों में पहुंचेगा चंबल का पानी, कोटा के नैनोरा में बैराज का काम शुरू
लाइफलाइन बनेगा ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट चंबल पर 226.65 मिलियन क्यूबिक घन मीटर भराव क्षमता वाले नौनेरा डैम का निर्माण कार्य हुआ शुरू,
ई स्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना ( ईआरसीपी ) प्रदेश के 11 अन्य जिलों के साथ भरतपुर और धौलपुर के लिए भी लाइफ लाइन साबित होगा ।
भले ही अभी इसके लिए केंद्र और राज्य में वित्तीय सहमति नहीं बनी है लेकिन, गुड न्यूज यह है कि कोटा में नौनेरा के पास बैराज बनाया जा रहा है ।
इसका पानी देर-सवेर ईआरसीपी में ही डाला जाएगा, इससे पेयजल और सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा निर्माणाधीन नौनेरा बैराज का 1 लाख 92 हजार 748 घनमीटर कंक्रीट का कार्य अब तक किया जा चुका है ।
प्रोजेक्ट के लिए जरूरी बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण पूरा हो चुका है ओवरफ्लो एवं नाॅन ओवरफ्लो में कंक्रीट का काम चल रहा है ।
ईआरसीपी भरतपुर, धौलपुर समेत 13 जिलों के लिए वरदान साबित होगी इसीलिए इसकी पिछले दाे दशक से डिमांड चल रही है ।
इसका हाइड्रोलिक सर्वे वर्ष 2007 में हो चुका है ईआरसीपी प्रोजेक्ट का पहला चरण नौनेरा बैराज है दीगोद तहसील के ग्राम ऐबरा के पास कालीसिंध नदी पर इस बैराज के निर्माण के लिए राज्य सरकार ने 1595.06 करोड़ की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति 20 जुलाई 2018 को जारी की थी। इस प्रोजेक्ट के अधिशासी अभियंता पीके गुप्ता के मुताबिक इसका काम तेजी से चल रहा है ।
बांध का काम 13 अक्टूबर, 2022 को पूरा होना है। फिलहाल फॉरेस्ट क्लियरेंस संबंधी है कुछ समस्याएं हैं। जिन्हें दूर करने के प्रयास जारी हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने चंबल बेसिन की विभिन्न सब बेसिनों को जोड़कर पानी के उपयोग के लिए ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट तैयार किया है ।
इसका मुख्य उद्देश्य बाढ़ एवं सूखे को नियंत्रित करना है। यह करीब 37 हजार करोड़ रुपए की योजना है हालांकि राज्य सरकार इसे केंद्र से राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाना चाहती है ।
लेकिन, इसमें अभी सफलता नहीं मिली है। राज्य सरकार ने अपने स्तर पर काम शुरू करते हुए इस बजट में 302 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इसमें धौलपुर की काली तीर लिफ्ट परियोजना के लिए 60 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है ।
हालांकि इसकी प्रस्तावित लागत करीब 260 करोड़ रुपए है। इसमें चंबल नदी का ओवरफ्लो पानी आंगई डैम में डाला जाएगा और उसे राजाखेड़ा तक पहुंचाया जाएगा। इससे करीब 500 गांव लाभांवित होंगे ।
1595 करोड़ लागत, क्षमता भी कोटा बैराज से दोगुनी-नौनेरा बांध की भराव क्षमता कोटा बैराज के 112 मिलियन क्यूबिक घन मीटर है के मुकाबले दोगुनी यानि 226.65 मिलियन क्यूबिक घनमीटर हाेगी ।
ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट के तहत 1595 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे इस बांध के पहले फेज में 600 करोड़ रुपए के कार्य युद्ध स्तर पर चल रहे हैं ।
इसके बनने से पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, अलवर, दौसा, जयपुर, अजमेर, टोंक, बूंदी, कोटा, बारां और झालावाड़ को पेयजल एवं औद्योगिक उपयोग के लिए पर्य़ाप्त पानी मिल सकेगा ।
सहज बहाव… गंभीर नदी का बेसिन लेवल चंबल से 100 फीट नीचा है-ईआरसीपी में चंबल नदी के ओवरफ्लो पानी को उपयोग में लेना आसान होगा ।
क्योंकि चंबल के पानी को गंभीर नदी में डाला जाएगा। गंभीर नदी का बेसिन लेवल चंबल नदी से 100 फीट नीचा है। इसलिए प्राकृतिक बहाव बना रहेगा ।
इसके लिए करीब 200 किलोमीटर का लिंक फीडर चैनल बनाया जाएगा। फिर गंभीर नदी के पानी काे बाणगंगा में डाला जाएगा। इससे पानी का अधिकतम सदुपयोग हो सकेगा। बैराज 13 अक्टूबर, 2022 तक बनकर तैयार होगा
ऐसे बन रहा है नौनेरा बैराज