Expose : बड़ें पबों पर कार्यवाही लेकिन विजय नगर थाने के ठीक सामने, चलते फिरते रेस्टोरेंट खुले मे परोस रहे मांसाहार, गाड़ियों में हो रही दारू पार्टी, असामाजिक तत्वों के अड्डे से सराबोर सत्य साईं चोराहा
जहां एक तरफ इंदौर पुलिस शहर के बड़े पब और रेस्टोरेंट पर कार्यवाही कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ सड़क पर व्हेन और ठेलों की आड़ में मांस और शराब का कारोबार खूब फूल फूल रहा है । ऐसा ही नजारा इंदौर के विजय नगर थाने के ठीक सामने मेट्रो टावर के नीचे मेन रोड के किनारे लगे रेस्टोरेंट पर आराम से देखा जा सकता है | जहां खुलेआम मांसाहार के साथ शराब परोसी जा रही है, मेट्रो टावर के नीचे मुख्य ए बी रोड के किनारे पिछले कई वर्षों से कब्जा जमाए अपना फ्राय के नाम से एक ठेला खड़ा होता था, जिसने पिछले 2 वर्षों में खुलेआम मांसाहार और शराब बेचकर इतना मुनाफा कमा लिया कि, अब वह एक मोबाइल रेस्टोरेंट की शक्ल में रोज शाम से देर रात तक लाखों का कारोबार इस सड़क पर करने लग गया है । असल में सड़क के किनारे मांसाहार परोसने वाले इस ठेले के मुख्य ग्राहक रोज शाम के शराबी हैं जो अपनी दारू के साथ बढ़िया चकना खाने के लिए इस अड्डे पर आ पहुंचते हैं, इसमें कोई संदेह नहीं है कि बिना स्थानीय बीट पुलिस की मिलीभगत के यह संभव नहीं है | ऐसे चलने वाली सड़क पर लोग आराम से गाड़ी लगाकर शराब और मांसाहार का जमकर सेवन करें, इतना ही नहीं यदि ‘ खुराक ‘ में कोई कमी होती है तो यही ठेले वाले उस खुराक का इंतजाम भी करते हैं, यही कारण है कि पिछले काफी लंबे समय से यह असामाजिक तत्वों और शराबियों का पसंदीदा ठिया बन गया है और आए दिन देर शाम यहां कई असामाजिक तत्वों द्वारा कई प्रकार की गैर कानूनी गतिविधियां की जाती है। सूत्रों की माने तो इसी माहौल द्वारा फले फूले कई नशा कारोबारी भी अब इस जगह के आसपास मंडराने लगे हैं | जहां आराम से किसी भी प्रकार के नशे को प्राप्त किया जा सकता है, देखा जाए तो यह उन शराब परोसने वाले पब का एक छोटा स्वरूप है जो खुलेआम इंदौर की सड़कों पर आराम से संचालित है । लेकिन अब क्या कहिए जब किसी की नजरें इनायत हो तो कौन किसी को हाथ लगा सकता है | लेकिन प्रशासन को तुरंत ऐसे सभी अड्डों पर कार्यवाही करना चाहिए जो शहर में अपराध का केंद्र बने । बिना नगर निगम के वैध परमिशन और लाइसेंस के चल रहे इस वैन पर भी निगम की कोई कार्यवाही नहीं होती जबकि यह वही निगम है जो अपना अपना पेट पालने के लिए अंडे का ठेला लगाने वाले गरीब लड़के का ठेला पलट देता है | लेकिन जिस ठेले से नियमित कमाई हो उस ठेले को भला कौन हाथ लगाए ।